आम आदमी पार्टी की दलील को सिरे से ख़ारिज किया
आर एस चौहान
नई दिल्ली : स्वराज इंडिया ने कल दिल्ली सरकार के अपने आँकड़ों का ही हवाला देते हुए दिल्ली में एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के वज़ीफ़े की संख्या में हुई कमी पर सवाल उठाये थे। जिसके बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से दिल्ली सरकार ने कहा है कि दलित और पिछड़े छात्रों के वज़ीफ़े में गिरावट नामांकन संख्या में कमी की वजह से है।
आम आदमी पार्टी के इस दलील को सिरे से ख़ारिज करते हुए स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, “यह कहना कि नामांकन कम होने की वजह से एससी/ओबीसी कोटा के वज़ीफ़ा की संख्या में कमी आयी है, कोरी लफ़्फ़ाज़ी है। आँकड़े बताते हैं कि कुल नामांकन में 1.8% की कमी आयी है। अगर एससी नामांकन को देखें तो मात्र 1.0% की कमी है। जबकि एससी कोटा के वज़ीफ़ा की संख्या में 9.3% की कमी है, जो कि घोर चिंताजनक है। इससे साफ़ पता चलता है कि समाज के दलित-वंचित तबके में शिक्षा की स्थिति को सुधारने के प्रति ये लोग कितने गंभीर हैं!”
स्वराज इंडिया के द्वारा यह सवाल उठाते ही समाज के दलित-वंचित तबके के छात्रों को मिलने वाले मदद के मामले में आम आदमी पार्टी पूरी तरह घिर चुकी है। सरकारी आँकड़ों से ही कुछ चौंकाने वाले नतीजें सामने आए हैं:
• एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों को दिये जाने वाले स्कूल स्कॉलरशिप की संख्या साल 2014-15 में 7,50,021 थी, जो साल 2015-16 में घट कर 6,79,976 हो गयी। यानी वज़ीफ़ों की संख्या में 70,045 की भारी कमी आयी।
• ऐसी ही एक स्कीम उच्च शिक्षा के लिए है “कॉलेज और यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए मेरिट स्कॉलरशिप”। इसमें भी पिछले दो सालों में एससी/एसटी/ओबीसी को मिले वज़ीफों की संख्या 13,898 से घट कर 8,361 हो गयी है, 40% की कमी हुई है।
• सरकारी स्कूलों में एससी/एसटी/ओबीसी छात्रों के लिए ट्यूशन फ़ी की भरपाई वाली स्कीम में भी लाभान्वितों की संख्या साल 2014-15 में 26,777 थी। जो साल 2015-16 में घट कर 23,650 हो गयी है। 3 हज़ार से ज़्यादा की कमी आयी है।
• सबसे बुरी हालत वोकेशनल और टेक्नीकल एजुकेशन के लिए एससी/एसटी/ओबीसी को दिए जाने वाले वज़ीफ़ा की है। साल 2014-15 में 2,062 छात्रों को यह वज़ीफ़ा मिला था। लेकिन साल 2015-16 में यह संख्या शून्य है, किसी को भी नहीं दिया गया।
यह तथ्य आम आदमी पार्टी के दलित विरोधी चेहरे को बेनक़ाब कर रहे हैं। साथ ही, दिल्ली सरकार के शिक्षा क्रांति के दावों को खोखला साबित कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि स्वराज इंडिया ने शिक्षा के मुद्दे ओर कुछ अतिगंभीर सवाल उठाये थे जिनका आम आदमी पार्टी की सरकार अब तक संतोषजनक जवाब नहीं दे पायी है।