-अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी पर की थी टिप्पणी
– लोकसभा में प्रस्ताव पारित कर अनिशित्कालीन निलंबित किया गया
-मामला जांच के लिए लोक सभा की विशेषाधिकार समिति को सौंपा गया है
सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : लोकसभा में आज भी प्रश्नकाल नहीं चल सका. कांग्रेस सहित विपक्षी सांसदों ने कांग्रेस संसदीय दल के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन से निलंबित करने के विरोध में जमकर हंगामा किया और उनका निलंबन समाप्त करने की मांग की. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी मांग मानने से इनकार कर दिया. इस कांग्रेस सांसद नारे बाजी करने लगे . अध्यक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी .
इसके बाद जब 12 बजे बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस सांसद पुनः नारेबाजी करते दिखे. कुछ विधायी कामकाज के बाद पीठासीन सभापति डॉ किरीट भाई ने फिर दोपहर 12.30 बजे तक सदन की कार्यवाही को स्थगित करने का ऐलान कर दिया .
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस संसदीय दल के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए प्रधान मंत्री पर तीखा हमला बोला था.
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने तीखे शब्द बाणों से सत्ता पक्ष को तिलमिला दिया था . मणिपुर में हुई नस्लीय हिंसा की घटना को प्रमुखता से उठाते हुए उन्होंने कहा था कि संसद में सरकार के पास बहुमत होने की जानकारी होते हुए भी विपक्ष को प्रधानमंत्री को संसद में आने के लिए मजबूर करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने जैसा संसदीय औजार का उपयोग करना पड़ा. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा पर कुछ नहीं बोले. विपक्ष ने बारंबार प्रधानमंत्री से सदन में आकर इस मामले पर बात रखने की मांग की लेकिन आज हमने उन्हें सदन में आने को मजबूर कर दिया. यही संसदीय लोकतंत्र की मजबूती है कि हम प्रधान मंत्री को संसद में खीच लाये .
कांग्रेस नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि धृतराष्ट्र अंधे थे और उनके सामने द्रोपदी का चीर हरण होता रहा उसी तरह आज केंद्र की सरकार अंधी है और मणिपुर में माताओं बहनों का चीरहरण हो रहा है. इस पर लोकसभा में जबरदस्त हंगामा होने लगा. भाजपा के सांसद उद्वेलित होकर नारेबाजी करने लगे. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने नियमों का हवाला देते हुए अधीर रंजन चौधरी से माफी मांगने की मांग की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस पर सख्त आपत्ति जताई और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस मामले में व्यवस्था देने की मांग की.
अधीर रंजन चौधरी ने पीएम पर तीखा प्रहार करते हुए उनकी तुलना बैंक घोटाला कर देश से भागने वाले नीरव मोदी से कर दी थी . उन्होंने कहा था कि ” हमने सोचा कि नीरव मोदी देश से हजारों करोड़ लेकर भाग गया. वह रोज समुद्र पार से जो चाहता है बोलता है और सरकार कुछ भी नहीं कर पाती है. उन्होंने कहा था कि उन्होंने सोचा था कि नीरव मोदी भाग गया लेकिन एक नीरव मोदी यहाँ भी बैठा है . ”
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा समाप्त होने और उसे ध्वनिमत से नकारे जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री की ओर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को असंसदीय टिप्पणी करने के लिए संसद से निलंबित करने व उस मामले को लोक सभा की विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने की मांग करते हए एक प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. जाहिर है कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को इस प्रस्ताव के पारित होते ही अनिश्चित कालीन निलंबित कर दिया गया. उनके मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपे दिया गया . अब उनके खिलाफ जांच होने तक अधीर रंजन चौधरी सदन से निलंबित रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में गत 8 अगस्त यानी मंगलवार को पूर्व कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के उपनेता गौरव गोगोई ने वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा था. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की थी. उनके जवाब में केन्द्रीय गिह मंत्री अमित शाह , वित्त मंत्री निरमा सीतारमण सहित कई मंत्रियों ने सरकार के पक्ष में आंकड़ों के सहारे जमकर बैटिंग की .