चंडीगढ़,15 मई : हरियाणा सरकार ने दिल्ली-गुरुग्राम- शाहजहांपुर- नीमराणा- बहरोड़ (एस.एन.बी.) – अलवर और दिल्ली से पानीपत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आर.आर.टी.एस.) प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। केन्द्र सरकार द्वारा इन परियोजनाओं की स्वीकृति विचाराधीन है।
आज यहां मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में हुई आर.आर.टी.एस. की बैठक के दौरान बताया गया कि दिल्ली-एस.एन.बी. आर.आर.टी.एस. कॉरिडोर की लंबाई 107 किलोमीटर होगी। इसमें 70 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और शेष 37 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इस पर 6 अंडरग्राउंड, 9 एलिवेटेड और 1 एट-ग्रेड स्टेशन होंगे। धारूहेड़ा में एक डिपो बनाने की योजना है। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान से गुजरने वाले इस कॉरिडोर की लंबाई क्रमशः 23 किमी, 83 किमी और 2 किमी है। प्रस्तावित अलायनमेंट का एलिवेटेड हिस्सा पुरानी दिल्ली-गुरुग्राम, गुरुग्राम में सेक्टर 17 के राइट ऑफ वे (आर.ओ.डब्ल्यू.) और एस.एन.बी. (राजस्थान सीमा) तक एनएच-40, 48 के बीच होगा। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है जबकि केन्द्र सरकार इसकी स्वीकृति विचाराधीन है।
दिल्ली-एस.एन.बी. कॉरिडोर के प्रस्तावित स्टेशनों में सराय काले खां, आई.एन.ए., मुनीरका, एरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर-17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एम.बी.आई.आर., रेवाड़ी, बावल और एस.एन.बी. हैं।
बैठक के दौरान अवगत कराया गया कि 103 किमी लंबे अलायनमेंट के दिल्ली-पानीपत आर.आर.टी.एस. कॉरिडोर का 11.5 कि.मी. हिस्सा एलिवेटेड और शेष 91.5 कि.मी. हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। इसमें 2 अंडरग्राउंड, 14 एलिवेटेड और 2 एट ग्रेड स्टेशन होंगे। मुरथल और पानीपत में दो डिपो बनाने की योजना है। दिल्ली में इसकी लम्बाई 36.2 कि.मी. जबकि हरियाणा में 66.8 कि.मी. होगी।
आर.आर.टी.एस. परियोजना केन्द्र सरकार के प्रमुख रणनीतिक हस्तक्षेपों में से एक है और तदनुसार, शहरी गतिशीलता में बदलाव लाने तथा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और आर्थिक अवसरों तक पहुंच के माध्यम से आमजन को सशक्त बनाकर उसे टिकाऊ, आरामदायक और तेज सार्वजनिक परिवहन मुहैया करवाने के उद्देश्य से इसे केन्द्र सरकार की नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एन.आई.पी.) में शामिल किया गया है।
एन.सी.आर.टी.सी. भारत सरकार एक संयुक्त उद्यम कंपनी है तथा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान भागीदार राज्य हैं। इसका प्रशासनिक नियंत्रण केन्द्रीय आवास और शहरी मामले मंत्रालय के अधीन है। एन.सी.आर.टी.सी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों में आरामदायक और तेज पारगमन सुविधा प्रदान करने और परिवहन मांग में उच्च वृद्धि को पूरा करने के लिए एन.सी.आर. में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आर.आर.टी.एस.) परियोजनाओं के डिजाइन, विकास, कार्यान्वयन, वित्त-पोषण, संचालन और रखरखाव का कार्य करता है।
एन.सी.आर.टी.सी. के प्रबंध निदेशक विवेक सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बताया कि दिल्ली-मेरठ आर.आर.टी.एस. कॉरिडोर का साहिबाबाद से दुहाई तक तक 17 कि.मी. लंबा हिस्सा चालू होने वाला है। उन्होंने मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल से आर.आर.टी.एस. कॉरिडोर के लिए एकीकृत सुरक्षा योजना तैयार करने के संबंध में भी चर्चा की।