Hydrogen trains in India
Delhi: खबर है कि देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा (Hydrogen trains in India) देने के लिए इंडियन रेलवे हाइड्रोजन ट्रेन चलाने जा रहा है. कहा जा रहा है कि इसके लिए रेलवे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पहले चरण में यह देश के 8 हेरिटेज रूटों पर चलाया जाएगा. इस को लेकर ट्रैक में कई बदलाव करने का निर्णय लिया गया है . इसकी डिजाइन में भी अंतर होगा. जाहिर है हाइड्रोजन ट्रेन 1950-60 दशक के ट्रेनों को रिप्लेस करेंगी.
दावा किया जा रहा है कि इंडियन रेलवे की ओर से हाइड्रोजन ट्रेन को टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चलाया जाएगा. रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि हाइड्रोजन ट्रेन को शुरुआत में देश के अलग-अलग 8 रूटों पर चलाया जाएगा, जिसे दिसंबर 2023 तक शुरू किया जा सकता है.
हाइड्रोजन ट्रेन को लेकर खास प्लानिंग है. सरकार ने Hydrogen for Heritage नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत इन ट्रेनों को हेरिटे्ज रूटों पर चलाया जाएगा. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन ट्रेनों के चलने से देश ग्रीन एनर्जी की दिशा में और आगे बढ़ेगा. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि नव-निर्मित हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनों को वंदे मेट्रो कहा जाएगा. रेल मंत्री ने कहा, ‘हम दिसंबर 2023 से धरोहर मार्गों पर हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करेंगे. इसका मतलब यह होगा कि ये धरोहर मार्ग पूरी तरह से हरित हो जाएंगे.’
रेवले के अनुसार हाइड्रोजन ट्रेन को माथेरान हिल, दार्जिलिंग हिमालयन, कालका शिमला, कांगड़ा घाटी, बिलमोरा वघई, महू पातालपानी, नीलगिरी माउंटेन रेलवे और मारवाड़-देवगढ़ मड़रिया पर चलाया जाएगा. बाद में दूसरे अन्य रूटों के लिए चलाया जाएगा. आपक को बता दें कि भारत ऐसा करने वाला पहला देश नहीं है. इससे पहले जर्मनी और चीन में यह ट्रेन चल रही है. जर्मनी में इस साल जुलाई में हाइड्रोजन ट्रेन चलाई गई थी. इसकी कुल अनुमानित कुल लागत 86 मिलियन डॉलर है. यह 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक बार में 1000 किमी चल सकती है. इसका 2018 में टेस्टिंग की गई थी.
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