हरियाणा वाहन स्क्रैपेज नीति को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद नीति पांच साल के लिए प्रभावी होगी
चण्डीगढ़, 1 दिसम्बर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा वाहन स्क्रैपेज नीति बनाने के ड्राफ्ट को स्वीकृति प्रदान करने सहित एक दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए . वाहन स्क्रैपेज नीति के तहत 10 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके डीजल वाहनों तथा 15 वर्ष की अवधि पूरी चुके पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप किया जा सकेगा। यह नीति भारत सरकार के स्वैच्छिक वाहन बेड़े का आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वॉलेंट्री व्हकील फलीट मार्डनाइजेशन प्रोगाम) के साथ लिंक करके तैयार की गई है।
पर्यावरण को सर्कुलर इकोनॉमी मानने के प्रधान मंत्री के विजन को मूर्त रूप देते हुए पांच साल की अवधि के लिए नीति तैयार की गई है जो पुन: उपयोग, सांझाकरण और मरम्मत, नवीनीकरण, पुनर्निर्माण और पुनर्चक्रण के लिए संसाधनों का उपयोग कर एक क्लोज-लूप सिस्टम सृजित करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कम से कम कचरे का उत्पादन, प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन हो।
यह नीति अवधि समाप्त कर चुके सभी वाहनों, पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं (आरवीएसएफ) पंजीकरण प्राधिकरणों और विभागों पर लागू होगी, जिन्होंने आरवीएसएफ के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करना है।
सर्कुलर इकोनॉमी के जरिए कचरे से धन की ओर जाना
इस नीति के तहत, डीजल वाहनों के मामले में 10 वर्ष की अवधि और पेट्रोल वाहनों के मामले में 15 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके वाहनों को स्क्रैपड कर दिया जाएगा। अनुपयुक्त वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सुविधा के लिए एक प्रोत्साहन-आधारित प्रणाली शुरू की जाएगी। इसके अलावा, पुराने अनुपयुक्त वाहनों का उपयोग करने पर दंडात्मक कार्रवाई का उपयोग भी किया जाएगा जो एक महंगी प्रक्रिया है।
नीति का उद्देश्य, मोटर वाहन मालिकों द्वारा वाहन बदलने के लिए वाहनों की खरीद को बढ़ावा देना भी है जिससे सरकारी खजाने में वृद्धि होगी। साथ ही, अपने वाहनों की स्क्रैपिंग करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए वाहन खरीदने पर वित्तीय लाभ भी मिलेगा।
प्रोत्साहन, छूट या वित्तीय लाभ
इस नीति के तहत, वसूले जाने वाले मोटर वाहन कर में 10 प्रतिशत तक या जमा प्रमाणपत्र में उल्लिखित स्क्रैप मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, छूट देने का प्रावधान होगा। जमा प्रमाणपत्र के आधार पर खरीदे गए नए वाहन के पंजीकरण पर पंजीकरण शुल्क में 25 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।
निर्धारित अवधि पूरी कर चुके वाहनों से फिटनेस के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार वाहनों के ईंजन की क्षमता के अनुसार एक-एक रुपये की दर से पर्यावरण मुआवजा शुल्क और सडक़ जोखिम शुल्क लिया जाएगा।
निर्धारित अवधि की क्षितिज पर खड़े वाहनों के लिए स्थानांतरण, दृष्टिबंधक परिवर्तन, एनओसी आदि अन्य सभी परिवहन सेवाओं की शुल्क दर को बढ़ाया जाएगा जो अन्य वाहनों की तुलना में 100 रुपये अधिक होगी।
नीति प्रक्रिया
पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं (आरवीएसएफ) को पूर्ण रूप से निजी निवेश के माध्यम से स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुविधा स्थापित करने के लिए सभी आवेदन नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पर प्राप्त किए जाएंगे। राज्य सरकार के सभी संबंधित विभाग 30 दिनों के भीतर अनुमति, एनओसी जारी करेंगे। आरवीएसएफ पंजीकरण के लिए परिवहन विभाग द्वारा आवेदन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कारगिल युद्घ में शहीद के परिवार को 200 वर्ग गज का आवासीय प्लाट देने का लिया निर्णय
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में कारगिल युद्घ में शहीद हुए सिपाही वीरेन्द्र कुमार की माता श्रीमती लीला देवी को 200 वर्ग गज का आवासीय प्लाट भेंट स्वरूप देने के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ खंड के ग्राम पंचायत मोहना के वर्ष 2020 के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। ग्राम पंचायत उक्त भूमि को शामलात देय भूमि में से उपहार स्वरूप देगी।
फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ खंड के गांव मोहना के सिपाही वीरेन्द्र कुमार 16 जुलाई,1999 को कारगिल युद्घ में शहीद हो गए थे।
पंजाब ग्राम शामलात भूमि (विनियमन)नियम, 1964 के नियम 13-क के तहत ग्राम पंचायत राज्य सरकार की पहले से विभिन्न अनुमोदनों के साथ शामलात देय भूमि में से आवासीय उद्देश्य के लिए उपहार स्वरूप 200 वर्ग गज तक के प्लॉट युद्घ में घायल या शहीद सशस्त्र सेनाओं तथा अर्धसैनिक बलों के जवानों या किसी भी युद्घ या उनकी सेवा के दौरान आंतकवाद विरोधी ऑप्रेशन के दौरान ऐसे जवानों को जिनके पास पर्याप्त आवास नहीं है, के आश्रितों को ग्राम पंचायत उपहार स्वरूप आवासीय प्लाट दे सकती है।
एचपीएससी के माध्यम से की जाएगी 205 आयुष चिकित्सकों की भर्ती
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के स्वस्थ हरियाणा के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए प्रदेश में जल्द ही हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के माध्यम से आयुष चिकित्सकों के 205 पद भरे जाएंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
अब इस निर्णय के बाद, आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के 175 पद, रेजिडेंट फिजिशियन, यूनानी चिकित्सक, आयुर्वेद चिकित्सक के 4 पद, यूनानी चिकित्सा अधिकारी के 8 पद और होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के 18 पद भरे जाएंगे।
हालांकि, पहले यह निर्णय लिया गया था कि आयुष डॉक्टरों की भर्ती को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर किया जाएगा, परंतु अब ये सभी पद एचपीएससी के माध्यम से ही भरे जाएंगे।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित 4 अधिनियमों को किया जाएगा निरस्त
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित पुराने व अप्रासंगिक हो चुके 4 अधिनियमों को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
न्यायमूर्ति इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने इन कानूनों को निरस्त करने की सिफारिश की है। हरियाणा सरकार ने ऐसे कानूनों की पहचान करने के लिए जो आर्थिक उदारीकरण के मौजूदा माहौल के अनुरूप नहीं हैं और जिन्हें बदलने या निरस्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए न्यायमूर्ति श्री इकबाल सिंह (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हरियाणा संविधि समीक्षा समिति का गठन किया था।
कमेटी ने पंजाब स्मॉल टाउन (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1934, पंजाब अर्बन इमूवेबल प्रॉपर्टी टैक्स (वेलिडेशन ऑफ लिस्ट्स) एक्ट, 1943 और पंजाब म्युनिसिपल (टैक्स वैलिडेटिंग) एक्ट, 1956 को निरस्त करने की सिफारिश की।
गुरुग्राम व फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण में अब सचिव स्तर के अधिकारी सी ई ओ बनाये जायेंगे
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2018 (2019 का हरियाणा अधिनियम संख्या 9) में संशोधन के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार अब संशोधित अधिनियम को फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहा जा सकता है।
उक्त अधिनियम में संशोधन के अनुसार, धारा 9 के खंड (1) के लिए, निम्नलिखित खंड अर्थात् राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, सचिव या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त करेगी। इससे पहले, प्रधान सचिव या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी को सीईओ के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान था।
इसी तरह, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2017 ( 2017 के हरियाणा अधिनियम संख्या 34) में भी संशोधन किया गया है और संशोधन के बाद, इस संशोधित अधिनियम को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2022 कहा जा सकता है। इस अधिनियम में भी सीईओ की नियुक्ति को लेकर उपरोक्त संशोधन किया गया है।
अब, संशोधन के अनुसार सरकार सचिव रैंक के किसी भी अधिकारी को जीएमडीए का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर सकती है।
1500 चालकों की भर्ती करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम राज्य भर में चौबीसों घंटे प्रभावी संचालन और इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल (ईआरवी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 1500 चालकों की भर्ती करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
यह भर्ती हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) के माध्यम से एक वर्ष की अवधि के लिए हरियाणा पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 21 के प्रावधानों के अनुसार की जाएगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पात्र अभ्यर्थियों का ड्राइविंग टेस्ट एवं साक्षात्कार कराने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक अथवा पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन बोर्ड का गठन किया जाए। संबंधित जिले के पुलिस उपाधीक्षक/सहायक पुलिस अधीक्षक या संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त, जैसा भी मामला हो, नामित पुलिस सहायक आयुक्त और संबंधित जिले के लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) लाइसेंसिग ऑथोरिटी इस बोर्ड के सदस्य होंगे।
वैध ड्राइविंग लाइसेंस के साथ मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं कक्षा की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखने वाला कोई भी उम्मीदवार उक्त पद के लिए आवेदन करने का पात्र होगा। सभी श्रेणी के उम्मीदवारों को निगम पॉलिसी और राज्य सरकार की आरक्षण नीति के अनुरूप प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
चयनित चालक एक सामान्य पुलिस अधिकारी के समान अधिकारियों की देख-रेख में कार्य करेंगे और उनके चयन के बाद पुलिस विभाग की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें 15 दिनों की अवधि का कैप्सूल कोर्स करना होगा।
वर्तमान में, ईआरएसएस के तहत 630 ईआरवी तैनात किए गए हैं और इन्हें विभाग की मौजूदा मैनपावर से लिया गया है। प्रत्येक ईआरवी को 2 शिफ्टों में संचालित किया जाता है।, इनमें 3 पुलिस कर्मियों को एक शिफ्ट में तैनात किया जाता है, जिसमें एक प्रभारी, एक सहायक स्टाफ और एक ड्राइवर होता है। इस प्रकार, प्रत्येक ईआरवी को 24×7 संचालन बनाए रखने के लिए 4 पुलिस अधिकारियों और 2 पुलिस चालकों की आवश्यकता होती है।
संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली नियम, 2022’ को अंतिम रूप देने का एजेंडा स्वीकृत
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली नियम, 2022’ को अंतिम रूप देने के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। ये नियम राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2021 की अधिसूचना द्वारा ‘हरियाणा लोक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली अधिनियम, 2021’ को बनाया था, अधिनियम की धारा 24 के तहत राज्य सरकार के अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नियम बना सकती है।
इसलिए, उक्त अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन के उद्देश्य से, उक्त अधिनियम की धारा 24 के तहत ‘हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022’ की आवश्यकता है। इसलिए ‘हरियाणा सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी के दौरान संपत्ति के नुकसान की वसूली नियम, 2022’ को स्वीकृति प्रदान की गई है।
हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप-सी) नियम, 2022 बनाने का प्रस्ताव मंजूर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप-सी) नियम, 2022 बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 के लागू होने से पहले, हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 1982 लागू थे। उक्त नियमों में एक प्रावधान था कि वरिष्ठ लेखापरीक्षकों (अब अनुभाग अधिकारी के रूप में फिर से पदनामित) की नियुक्ति हरियाणा सरकार के अधिकारियों में से की जाएगी जिन्होंने हरियाणा राज्य लेखा सेवा परीक्षा (साधारण शाखा) के दोनों भाग उत्तीर्ण किए हैं। सरकार द्वारा ऐसे विनियम समय-समय पर बनाए जा सकते हैं।
हालांकि, हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 में इन विनियमों के संबंध में प्रावधान शामिल नहीं किया गया था। इसलिए उपरोक्त त्रुटि को ठीक करने के लिए हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2013 निरस्त किए जाने की आवश्यकता थी और इनके स्थान पर हरियाणा राज्य अधीनस्थ लेखा सेवा (ग्रुप सी) नियम, 2022 लागू किए जाएंगे।