सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में रविवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा. नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित मेला में प्रवेश के लिए निर्धारित सभी द्वारों पर सुबह 10:00 बजे से ही लंबी कतार लग गई थी. त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के लिए अचानक उमरी हजारों की भीड़ को नियंत्रित करना और सुरक्षा जांच सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती थी लेकिन सुरक्षाकर्मी इसे बखूबी निभाते देखे गए. दर्शकों के प्रवेश की व्यवस्था पहले से ही सुनियोजित कर ली गई थी. दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों से अनुमानतः 80000 से भी अधिक दर्शक आये और मेले में जमकर खरीदारी भी की. कहना ना होगा कि लगभग 73000 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल वाला मेला परिसर दर्शकों की संख्या की लिहाज से छोटा पड़ने लगा है जबकि 38000 वर्ग मीटर वाले एग्जीबिशन भवन को भी भविष्य में और अधिक विस्तार देने की आवश्यकता पड़ सकती है.
अब तक के सारे रिकॉर्ड टूटने की संभावना :
केंद्र सरकार की वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल के स्लोगन को धरातल पर उतारने के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 संभव है इस बार हर मायने में अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दे. चाहे वह व्यापारिक संभावनाओं की दृष्टि से कंपनियों के बीच ट्रेडिंग एग्रीमेंट का मामला हो या फिर आम दर्शकों की ओर से अपनी आवश्यकताओं के लिए मेले में की जा रही खरीददारी, इस बार पिछले वर्षों की तुलना में सर्वाधिक होने के संकेत मिल रहे हैं. रविवार को मेले में उमड़े दर्शकों के हुजूम को देखकर इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार की स्थानीय व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की योजना मूर्त रूप ले रही है.
अलग-अलग एग्जीबिशन हॉल में अलग उत्पाद
हालांकि इस बार भी पुराने और नए एग्जिबिशन हॉल में प्रदर्शनी लगाई गई है लेकिन देश के विभिन्न राज्यों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए जितनी जगह चाहिए उतनी नहीं मिल पाई है. इसके बावजूद इस बार ढाई हजार से अधिक व्यवसायिक प्रतिष्ठान, सेल्फ हेल्प ग्रुप, हस्तकरघा, कुटीर उद्योग, कोयर बोर्ड और अन्य प्रकार के उत्पाद निर्माता शामिल हुए हैं. अलग-अलग एग्जीबिशन हॉल में दर्शकों की सुविधा के लिए अलग-अलग प्रकार के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है..
मेले में सौंदर्य प्रसाधन से संबंधित उत्पादों के लिए अलग व्यवस्था की गई है तो दूसरी तरफ सरस आजीविका में सेल्फ हेल्प ग्रुप को मौका दिया गया है. जूट से बने उत्पादों के लिए भी पिछले वर्षों की भांति ही एक्सक्लूसिव व्यवस्था की गई है. एमएसएमई कंपनियां हो या हथकरघा उद्योग इनके उत्पादों को इस तरह प्रदर्शित किया गया है कि दर्शकों को अपनी खरीददारी करने में किसी तरह की कठिनाई न हो.
फोकस और पार्टनर स्टेट की ख़ास व्यवस्था
इसी तरह फोकस और पार्टनर स्टेट केरल, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. हाल नम्बर 4 से लेकर 7 में इससे दर्शक उन राज्यों से संबंधित उत्पादों एवं व्यावसायिक गतिविधियों से आसानी से परिचित हो रहे हैं. यहां तक कि इन राज्यों के खानपान व संस्कृति को भी देश व दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के लिए खास व्यवस्था की गई है. इन राज्यों से संबंधित खानपान के अलग स्टाल लगाए गए हैं जिसका मजा रविवार को आए हजारों दर्शकों ने खूब उठाया. दूसरी तरफ फ़ूड कोर्ट की जगह दर्शकों की संख्या के सामने बौना पड़ गई. लोगों को जमीन पर बैठ कर मनपसंद फ़ूड का स्वाद लेना पड़ा. हालत यह थी फ़ूड कोर्ट में रेस्टुरेंट कर्मियों के लिए डिमांड के अनुसार फ़ूड आइटम दे पाना बड़ी चुनौती बन गई.
नवनिर्मित एग्जिबिशन हॉल नंबर 4, 5, 6 और 7 में लोगों की भीड़ जबरदस्त रही. यहां एक तरफ आयुष मंत्रालय की ओर से लगाए गए स्वास्थ्य संबंधी स्टॉल पर काफी भीड़ देखी गई तो दूसरी तरफ हैंडलूम के कपड़े की खरीदारी भी लोगों ने जमकर की.
बिहार और हरियाणा के सांस्कृतिक आयोजनों की भी धूम रही
रविवार को सांस्कृतिक आयोजनों की भी धूम रही. दोपहर में बिहार दिवस के अवसर पर बिहार के कलाकारों ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी तो सायं काल में हरियाणा दिवस के अवसर पर हरियाणा के कलाकरों की जोरदार धमक देखने को मिली. दोनों ही सांस्कृतिक आयोजनों में एम्फी थियेटर खचाखच भरा रहा. दोनों राज्यों के कलाकारों ने दर्शकों की मांग पर खूब रंग जमाया. पंजाबी ढोलों की ताल पर सैकड़ों युवा जमकर नाचे जबकि दूसरे एम्फी तियेटर में राजस्थान के कलाकार कबीर दास की भक्ति संगीत की शानदार प्रस्तुतियां देते रहे. जाहिर है दर्शक को अपने मनपसंद की संगीत व कला का आनंद लेने का खूब अच्छा मौका मिला.