नई दिल्ली : संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति चुनाव होगा। उप-राष्ट्रपति चुनाव 6 अगस्त को होगा।
इस बार का मानसून सत्र ख़ास रहने वाला है क्योंकि सत्र के आरंभ में ही पहले दिन देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के लिए मतदान होगा जबकि 6 अगस्त यानी सत्र के अंतिम सप्ताह में देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का चुनाव कराया जाएगा।
राष्ट्रपति देश के संविधान के गार्जियन होते हैं जबकि सेना के तीनों अंगों के सर्वोच्च कमांडर भी होते हैं. यह चुनाव प्रतिवर्ष 5 साल में कराया जाता है. वर्तमान में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं जिनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने पूर्व राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को मैदान में उतारा है तो दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस पार्टी सहित अधिकतर विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से इस पद के लिए पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
वर्तमान परिस्थिति में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जबकि देश के एक दर्जन राज्यों में भी सत्तासीन है. ऐसे में माना जा रहा है कि एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मूर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी जोर शोर से मैदान में है. उनकी छवि बेदाग और बहुत मजबूत प्रशासक की रही है. वे लगातार विपक्षी दलों एवं अन्य दलों के विधायकों व सांसदों से संपर्क साध रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है।
अब देश के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की भी घोषणा निर्वाचन आयोग की ओर से कर दी गई है . वर्तमान में इस पद पर एम वेंकैया नायडू आसीन है और उनका 5 वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है .अभी तक सत्ता पक्ष या विपक्ष में से किन्ही ने भी इस पद के उम्मीदवार के लिए किसी की घोषणा नहीं की है. इस पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होना निर्धारित है जबकि राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान कराया जाएगा।
जाहिर है मानसून सत्र के पहले सप्ताह में देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा जबकि सत्र के अंतिम सप्ताह में नया उपराष्ट्रपति। राजनीतिक परिदृश्य भी बदलने के आसार हैं .
इस बार संसद के मानसून सत्र में कई मुद्दों को लेकर विपक्ष हमलावर रहेगा जबकि सत्ता पक्ष दोनों प्रमुख पदों पर अपने उम्मीदवार को स्थापित करने की खुशी में झूमता दिखेगा।
संसद में विपक्ष द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के दुरुपयोग का मुद्दा उठाएगा जबकि सेना के तीनों अंगों में भर्ती की नई प्रक्रिया अग्निपथ को वापस लेने के मुद्दे पर भी अड़ियल रुख अपना सकता है. आशंका इस बात की प्रबल है कि इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त तनातनी देखने को मिल सकती है . सरकार कई नए विधेयक लाने की कोशिश में है जिसे इसी सत्र में पारित करना चाहेगी. लेकिन विपक्ष के असहयोग के कारण संभव है सरकार को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।