नई दिल्ली : आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) के 7 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए आज एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने की। कार्यक्रम में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के एमडी और केंद्र एवं राज्य सरकारों के विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया।
इस सातवीं वर्षगांठ समारोह में पीएमएवाई-यू मिशन के तहत कार्यान्वित महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला गया। पीएमएवाई-यू दुनिया का एक सबसे बड़ा शहरी आवास कार्यक्रम है। शुरुआत में पीएमएवाई-यू की 7 साल की यात्रा को दर्शाने वाला एक वीडियो चलाया गया जिसमें दिखाया गया था कि मिशन किस प्रकार लाखों भारतीयों के लिए पक्के घर के सपने को पूरा कर रहा है।
एमओएचयूए के सचिव ने कार्यक्रम के दौरान इस मिशन की उपलब्धियों पर एक ई-बुक का विमोचन किया। इस पुस्तक में देश के शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए इस मिशन के तहत जारी पहलों व सुधारों के बारे में बताया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें पीएमएवाई-यू के लाखों लाभार्थियों पर इस मिशन के प्रभाव पड़ा के बारे में बताया गया है जो अब सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्के मकान के मालिक हैं। ई-बुक को पीएमएवाई-यू की वेबसाइट (https://pmay-urban.gov.in/) से डाउनलोड किया जा सकता है।
कार्यक्रम में ‘खुशियों का आशियाना’ लघु फिल्म प्रतियोगिता के विजेताओं की भी घोषणा की गई। यह प्रतियोगिता एमओएचयूए द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत शुरू की गई थी। यह 1 जुलाई 2021 से 30 सितंबर 2021 की अवधि के दौरान पीएमएवाई-यू के लाभार्थियों, छात्रों, युवाओं, नागरिक समाज संगठनों, संस्थानों और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों/ समूहों के लिए खुला था। इसका विषय पीएमएवाई-यू मिशन के जरिये ‘शहरी परिदृश्य में मानव जीवन में बदलाव’ था।
इस प्रतियोगिता को पूरे भारत से, विशेष रूप से पीएमएवाई-यू के लाभार्थियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। पीएमएवाई-यू के लाभार्थियों ने स्वयं द्वारा बनाई गई फिल्मों के जरिये अपने जीवन को बदलने वाले अनुभवों को साझा करते हुए इस प्रतियोगिता में काफी उत्साह के साथ भाग लिया। इसमें तीन श्रेणियों के तहत कुल 34 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। इस प्रतियोगिता के विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके तहत विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के लिए 25,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 20,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार के लिए 12,500 रुपये नकद दिए जाने का प्रावधान है। विजेताओं के नाम पीएमएवाई-यू की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं।
इस अवसर पर डैशबोर्ड में पीएमएवाई-यू क्षेत्र निरीक्षण मॉड्यूल को भी लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य आगंतुकों को सिर्फ एक मोबाइल फोन की मदद से लाभार्थियों द्वारा पीएमएवाई-यू परियोजना स्थलों/ मकानों के निर्माण का निरीक्षण करने में मदद करना है। इस मॉड्यूल का उपयोग मंत्रालय, केंद्रीय नोडल एजेंसियों, पीएमयू सदस्यों, राज्य के अधिकारियों एवं अन्य संबंधित एसएलटीसी/ सीएलटीसी कर्मचारियों द्वारा किया जा सकता है।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पीएमएवाई-यू के कार्यान्वयन के सात वर्षों के दौरान इस मिशन से जुड़े सभी लोगों के ठोस प्रयासों से कई उपलब्धियां हासिल की गई हैं और कुछ अन्य को हासिल किया जाना है। श्री जोशी ने सभी के लिए आवास के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से अपने-अपने क्षेत्रों में निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि रहेक व्यक्ति एक साथ काम करेगा और लक्ष्य को हासिल करेगा।’
प्रधानमंत्री के ‘सभी के लिए आवास’ के दृष्टिकोण के अनुरूप, कुल 8.31 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ पीएमएवाई-यू ने 122.69 लाख आवंटित किए हैं। इससे 1 करोड़ से अधिक मकान तैयार किए गए हैं और 61 लाख से अधिक मकान बनकर तैयार हो चुके हैं और लाभार्थियों को सौंप दिए गए हैं। पीएमएवाई-यू के तहत निर्माण कार्य में 423 लाख टन सीमेंट और 96 लाख टन लोहे की खपत हुई जबकि 239 लाख रोजगार सृजित हुए।
भारत के शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए वर्षों से मंत्रालय द्वारा विभिन्न तकनीकी और सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं। ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया (जीएचटीसी- इंडिया) के तहत छह लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स (एलएचपी) ऐसी ही पहल है जो वैश्विक स्तर पर उपलब्ध निर्माण तकनीक को बढ़ावा देती है। इससे टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और आपदा को झेलने लायक तकनीक के साथ सस्ते मकानों के निर्माण में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है।
एलएचपी आवास निर्माण क्षेत्र में नए जमाने की वैकल्पिक वैश्विक प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हैं। चेन्नई में यह परियोजना हर तरह से पूरी हो चुकी है और इसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 26 मई 2022 को किया गया था। राजकोट, इंदौर, लखनऊ, रांची और अगरतला में एलएचपी के निर्माण कार्य जारी हैं।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शहरी प्रवासियों/ गरीबों के लिए पीएमएवाई-यू के तहत एक उप-योजना अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) भी शुरू की है। मॉडल 1 के तहत चंडीगढ़, गुजरात (अहमदाबाद, राजकोट व सूरत), राजस्थान (चित्तौड़गढ़) और जम्मू में सरकारी वित्त पोषण वाले खाली पड़े कुल 5,478 मौजूदा मकानों को एआरएचसी में बदल दिया गया है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में 7,483 खाली मकानों को एआरएचसी में बदलने के प्रस्तावों पर पहल की जा रही है। मॉडल 2 के तहत, सार्वजनिक/ निजी संस्थाओं द्वारा निर्माण के लिए 178.28 करोड़ रुपये के टीआईजी के साथ 80,273 नई एआरएचसी इकाइयों को मंजूरी दी गई है। इस बीच, तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदुर में 22,689 नई एआरएचसी मकानों के लिए निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।