सरस मेले में भिवानी की जूतियों को देखकर बरबस ही रुक जाते हैं महिला दर्शकों के कदम

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गुरुग्राम, 16 अप्रैल। महिलाओं के बारे में अमूमन एक धारणा है कि वे जब भी बाजार में कुछ खरीदारी करने जाती हैं तो एक जगह या दुकान से खरीदारी का मन नही बना पाती। लेकिन सरस मेले में आ रही दर्शक महिलाएं उपरोक्त धारणा को गलत साबित कर रही हैं। मेले में आ रही महिलाएं ना केवल जमकर खरीदारी कर रही है बल्कि जिस स्टाल से खरीदारी करती हैं वे उन महिलाओं के मोबाइल नंबर लेना नही भूलती ताकि भविष्य में कुछ और सामान खरीदना हो तो उनसे संपर्क किया जा सके। कुछ ऐसा ही नजारा है सी ब्लॉक के स्टाल नंबर पांच पर, भिवानी जिला के गाँव बाडवा से आई सीमा देवी के स्टाल पर जरी की जूतियों के इतने डिज़ाइन है कि स्टाल के सामने से गुजरने वाली दर्शक महिलाओं के कदम बरबस ही रूक जाते हैं।

सीमा देवी ने बताया कि उन्होंने गांव की 10 महिलाओं के साथ वर्ष 2019 में बाला जी नाम से स्वयं सहायता समूह का गठन किया था। जिला प्रशासन के सहयोग से मिले प्रशिक्षण उपरान्त आज उनका समूह अपने परिश्रम के दम पर विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित जूतियों का निर्माण कर अपनी आजीविका को चला रहा है। उन्होंने बताया कि उनके उत्पाद में प्योर लेदर की कई वैरायटी की जूतियां है जिन पर बड़े ही सुंदर तरीके से जरी का वर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि उनके स्टाल पर बी, वी व टी शेप में सभी साइज़ की जूतियां उपलब्ध है। जिनकी कीमत 350 से 1500 के बीच रखी गयी है।

सीमा देवी बताती है कि ऐसा नही की उनके स्टाल पर केवल महिलाओं के ही उत्पाद उपलब्ध है। समूह की सोच थी कि कई बार मेलों में आने वाली महिलाएं अपने परिवार के पुरूष सदस्यों को भी साथ लेकर आती है ऐसे में हमने पुरषों की जरूरत के उत्पाद को ध्यान में रखते हुए उनके लिए महाराजा जूती भी बनाई है। इस जूती की खासियत है कि इसकी नौक को तार से नही बल्कि जूती की सौल से ही बनाया गया है। जो इस जूती को शाही लुक देने ले साथ ही इसकी लाइफ को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही स्टाल पर कोल्हापुरी चप्पलें भी खूब पसंद की जा रही हैं।

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