मामला दर्ज, कार्रवाई के संकेत
नई दिल्ली । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा लगातार कानूनी समस्याओं से घिरते जा रहे हैं। अभी हाल ही में ढंीगड़ा आयोग ने जमीन घोटाले संबंधी जांच रिपोर्ट सौंप कर माहौल गरमा दिया था और अब प्रवर्तन निदेशालय ने 1500 करोड़ रुपये के मानेसर प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व सीएम और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर नई समस्या पैदा कर दी है। यहह उनके लिए राजनीतिक एवं व्यक्तिगत रूप से बड़ा झटका है। बताया जाता है कि सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि गत सप्ताह में सीबीआई ने इस मामले में ही हुड्डा और उनके सहयोगियों के 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री के रोहतक, दिल्ली, मानेसर और चंडीगढ़ स्थित आवास पर सीबीआई की टीमों ने अचानक छापेमारी का सबको चौका दिया था।
सीबीआई की टीमों ने मानेसर प्लॉट आवंटन केस में हुड्डा के घर समेत दो पूर्व आईएएस अधिकारियों- तत्कालीन प्रधान सचिव एम एल तायल और यूपीएसएसी के सदस्य छत्तर सिंह के अलावा वर्तमान आईएएस अधिकारी एसएस ढिल्लन के परिसर की भी गहन तलाशी ली थी। संकेत है कि सीबीआई की एफआईआर के आधार पर हु़ड्डा के खिलाफ ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत सितम्बर 2015 में सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ मानेसर प्लांट के लिये जमीन की धांधली में केस दर्ज किया था।
उल्लेखनीय है कि हुड्डा शासन काल के दौरान मानेसर के तीन गांवों की करीब 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद बिल्डरों को बेच दी थी। इसके बाद अधिग्रहण में धांधली करने के आरोप लगने लगे। सितंबर 2015 में अज्ञात ऑफिसर व अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। गाौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रकिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में ही की गई थी। इस संबंध में पहले गुडग़ांव पुलिस ने मामला दर्ज किया था। लोगों की मांग पर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को इस केस की जांच स्थानांतरित कर दी थी।