चंडीगढ़, 31 जनवरी । राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन ने आगामी बजट में केन्द्र सरकार से व्यापारियों के लिए अनेक कल्याणकारी घोषणाऐं की जाने की मांग की है। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने बताया कि व्यापारियों की समस्याओं को चिंहित किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन ने एमएसएमई में सुधार सहित भारतीय लघु एवं मझले उद्योगों व खुदरा व्यापार के उत्थान के लिए कुछ क्रांतिकारी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
बुवानीवाला ने इन मांगों की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार अगर लघु एवं मझले उद्योगों के जरिए देश की आर्थिक रीढ़ सुदृढ़ करना चाहती है तो सबसे पहले उसे एमएसएमई के नियमों को सरल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों को जमीन सस्ती मिलनी चाहिए। इसके अलावा लोन का सरलीकरण, बिजली की रेट में कमी, आरओसी में अलग से छुट तथा आयकर की छुट अलग से मिलनी चाहिए।
बजट में खुद्दरा दुकानदारों के लिए अलग से नियमावली बनाएं जाने की मांग करते हुए बुवानीवाला ने कहा कि ऑनलाइन खरीद करने वाले ग्राहकों को अलग से टैक्स लगाया जाए। दुकानदारों के जोखिम को बीमा कम्पनी के माध्यम से कवर किया जाए, दुकानदारों को इंस्पेक्टर राज से छुटकारा दिया जाए तथा व्यापार आयोग का अलग से गठन किया जाएं।
व्यापारी नेता ने कहा कि ऑनलाइन ई-कॉमर्स बढऩे से घरेलू पारंपरिक खुदरा व्यापार प्रभावित हो रहा है, इसलिए ई-कॉमर्स के कुल कारोबार पर 5 से 10 प्रतिशत का विशेष कर लगाया जाए। ताकि सरकार के राजस्व में वृद्धि हो और देश का पारंपरिक खुदरा व्यापार भी प्रतिस्पर्धी बनें।
व्यापारी नेता ने कहा कि अर्थव्यवस्था की तीनों अंग विनिर्माण, सेवा एवं खुदरा को एक साथ एक मंत्रालय के अधीन रखना चाहिए और लघु उद्योगों और सेवा क्षेत्र की तरह खुदरा व्यापारियों को भी सारे लाभ मिलने जैसी प्रमुख एवं महत्वपूर्ण मांगों को पूरा करवाने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया गया है। बुवानीवाला ने कहा कि संगठन उम्मीद करता है कि केन्द्रीय वित्त मंत्रालय मांगों पर संज्ञान लेते हुए बजट के माध्यम से पूरा करेगा और देशभर के व्यापारियों को राहत प्रदान करेगा।