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नई दिल्ली : सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग किस कदर होता है इसका खुलासा दिल्ली पुलिस की एक ऑडिट से हुआ है. दरअसल हाल ही में दिल्ली पुलिस में एक ऑडिट कराया गया तो पता चला कि दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी ट्रान्सफर होने या सेवानिवृत्त होने के बाद भी अपने आधिकारिक वाहनों का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं जबकि उसके लिए अधिकृत अधिकारी सुविधाओं के आभाव में काम कर रहे हैं. इसकी जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की ओर से ऐसे सेवानिवृत्त व स्थानांतरित अधिकारियों को उनके वाहन वापस करने के लिए कहा गया.
इस तरह एक और ऑडिट अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती के सम्बन्ध में करवाया गया तो पता चला की दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्तों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और न्यायाधीशों के पास 535 पुलिस कर्मी तैनात थे जबकि उन्हें इन्हें वापस भेजना चाहिये था. यह खुलासा होने के बाद उन सभी 535 पुलिस कर्मियों व अधिकारियों को उन असाइनमेंट से हटाया गया । उल्लेखनीय है कि सुरक्षा इकाइयों में 6,828 की स्वीकृत पद की तुलना में 5,465 कर्मी . कई कर्मियों को पूर्व पुलिस आयुक्तों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा में लगाया गया था .
मिडिया की खबर के अनुसार वाहनों का यह ऑडिट पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के निर्देश पर किया गया. पुलिस आयुक्त ने यहाँ निर्णय सभी पुलिस स्टेशनों और इकाइयों में कर्मचारियों और संसाधनों को मजबूत करने की योजना के तहत लिया था। बताया जाता है कि पुलिस आयुक्त के निर्देश पर दिल्ली पुलिस के सामान्य प्रशासन विभाग को यह ऑडिट करने के लिए कहा गया था. इस ऑडिट के तहत सभी जिलों और इकाइयों से उन कारों व वाहनों का विवरण प्रदान करने को कहा गया था जिनका वे उपयोग कर रहे हैं.
जब रिकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि सियाज, अर्टिगा, इनोवा और एसएक्स 4 जैसे 40 वाहन ऐसे सेवानिवृत्त/स्थानांतरित आईपीएस अधिकारियों के पास हैं जो अब दिल्ली पुलिस में नहीं हैं. जानकारी मिलने पर उन सभी अधिकारियों से वाहन लौटाने को कहा गया. कुछ ने तो वाहन लौटा दिए लेकिन 10 से अधिक ऐसे भी आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने अब तक वाहन वापस नहीं किये हैं.
आश्चर्य तो यह जानकार हुआ की ऑडिट में यह भी पता चला कि दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारी तीन या इससे अधिक वाहनों का उपयोग कर रहे थे ।
उल्लेखनीय है की दिल्ली पुलिस के पास 2,568 हल्के मोटर वाहन हैं। दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी – जेसीपी, डीसीपी, यहां तक कि पुलिस आयुक्त – सेवानिवृत्ति या स्थानांतरण होने पर भी अपने आधिकारिक वाहन नहीं लौटा रहे थे। डीसीपी रैंक के एक अधिकारी का तीन साल पहले तबादला हो गया लेकिन अभी भी उनके घर पर दिल्ली पुलिस की कार है।
इस स्थिति को देखते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि स्थानांतरण होने पर सम्बंधित अधिकारी को दिल्ली पुलिस के वाहन को उस जिले / इकाई को लौटाना होगा जहां उन्हें वाहन आवंटित किया गया था। यह भी निर्णय लिया गया कि किसी भी अधिकारी को एक से अधिक वाहनों की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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