इस लैब में जल्द ही वायरस के जिनोम की सीक्वेंसिंग के काम को शुरू किया जाएगा
कोविड वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट में पासपोर्ट नम्बर लिखवाने की सुविधा भी मिली
इच्छानुसार वैक्सीन लाभार्थी अब वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पासपोर्ट का नंबर लिखवा सकेंगे
राज्य में 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को कोवैक्सीन का टीकाकरण आगामी 3 जनवरी से होगा शुरू
चंडीगढ़, 30 दिसंबर : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में स्थापित की गई जिनोम सीक्वेंसिंग लैब को संचालित करवाने के लिए प्रमाण पत्र मिल गया है और इस लैब में जल्द ही वायरस के जिनोम की सीक्वेंसिंग के काम को शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, श्री विज ने कहा कि अब जिन लाभार्थियों ने कोविड-19 वैक्सीनेशन में अपने पासपोर्ट का नंबर लिखवाना है तो उन्हें वैक्सीनेशन साइट पर वैक्सीनेशन लगने से पहले अपने पासपोर्ट का नंबर देना होगा तदोपरांत वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पासपोर्ट का नंबर भी दिखाई देगा। ऐसे ही, राज्य में 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को कोवैक्सीन का टीकाकरण आगामी 3 जनवरी से शुरू होगा तथा हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमोरबिटी लोगों को प्रीकॉशन डोज़ आगामी 10 जनवरी, 2022 से दी जाएगी।
श्री विज आज यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
आगामी 3 जनवरी से बच्चों का कोविड का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा, 1 जनवरी से पंजीकरण- विज
उन्होंने कहा कि आगामी 3 जनवरी से राज्य में 15 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का कोविड का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा और इसके लिए कोविन वेबसाइट या ऐप के माध्यम से पंजीकरण 1 जनवरी, 2022 से शुरू हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर प्रिकॉशन डोज़ आगामी 10 जनवरी, 2022 से शुरू हो जाएगी जो कि हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक उम्र के कोमोरबिटी से संबंधित व्यक्तियों को दी जाएगी। श्री विज ने स्पष्ट करते हुए कहा कि 15 से 18 वर्ष तक के बीच की आयु के बच्चों को केवल कोवैक्सीन का ही टीकाकरण किया जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कोवैक्सीन को ही मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए टीकाकरण हेतु अलग से साइट और सत्र होंगे और यदि वयस्क व्यक्तियों के साथ समान्तर साइट है तो उनकी लाइन अलग से बनाई जाएगी और उनका स्टाफ भी अलग ही होगा।
श्री विज ने कहा कि देश में 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण के फैसले से न केवल देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी, बल्कि हमारे बच्चों के स्कूल और कॉलेज जाने और उनके माता-पिता की चिंता भी कम होगी।
हरियाणा में कुल 15.40 लाख बच्चों को टीकाकरण में कवर किया जाएगा
बैठक में श्री विज को बताया गया कि बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण 3 जनवरी 2022 से शुरू होगा और 15 से 18 वर्ष की आयु के सभी बच्चे अर्थात वर्ष 2007 में या इससे पहले पैदा हुए भारत मे कुल 7.40 करोड़ बच्चों को यह डोज़ दी जायेगी। इसी प्रकार, आरजीआई के अनुमान के अनुसार हरियाणा में भी कुल 15.40 लाख बच्चों को कवर किया जाएगा। इन बच्चों को कोवैक्सिन की डोज़ दी जाएगी और इसके लिए कोविन के माध्यम से पंजीकरण व अपॉइंटमेंट मिलेगी। बैठक में बताया गया कि कोविन पर मौजूदा खाते के माध्यम से या एक अद्वितीय मोबाइल नंबर के माध्यम से एक नया खाता बनाकर स्व-पंजीकरण किया जा सकता है। इसके अलावा, अपॉइंटमेंट ऑनलाइन या ऑनसाइट (वॉक-इन) बुक किया जा सकता है।
बच्चों के टीकाकरण की साइट होगी अलग
बैठक में बताया गया कि 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए समर्पित सत्र स्थलों की पहचान होगी जिसके लिए बच्चों के टीकाकरण का अलग सत्र स्थल होगा। यदि उसी सत्र में जहां वयस्क टीकाकरण चल रहा है, तो अलग लाइन होगी और अलग टीकाकरण टीम होगी। इस पर श्री विज ने कहा कि उन सत्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें जिनमें 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण उपलब्ध होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पहचान किए गए सत्र स्थलों को कोवैक्सिन के वितरण की योजना काफी पहले से होनी चाहिए। इन लाभार्थियों को कवर करने के लिए पर्याप्त मात्रा में टीका उपलब्ध कराया जाए।
एचसीडब्ल्यू, एफएलडब्ल्यू और 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमोरबिटी लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज़ 10 जनवरी, 2022 से होगी शुरू
बैठक में बताया गया कि एचसीडब्ल्यू, एफएलडब्ल्यू और 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमोरबिटी लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज़ 10 जनवरी, 2022 से शुरू होगी, जोकि दूसरी डोज़ की तारीख से 9 महीने यानी 39 सप्ताह पूरे होने के बाद लाभार्थियों को मिलेगी। बैठक में बताया गया कि राज्य में एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू की कुल संख्या लगभग 5 लाख है जिनमें से स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता लगभग 2.50 लाख और फ्रंट लाइन कार्यकर्ता लगभग 2.50 लाख हैं तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमोरबिटी लोगों की जनसंख्या लगभग 5.78 लाख है। बैठक में बताया गया कि एचसीडब्ल्यू, एफएलडब्ल्यू और 60 वर्ष से अधिक आयु के कोमोरबिटी लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज़ का पंजीकरण और अपॉइंटमेंट को-विन के माध्यम से होगा। इसी प्रकार, ऑनलाइन और ऑनसाइट मोड उनके मौजूदा कोविन अकाउंट के माध्यम से भी हो पायेगा और कोविन सिस्टम लाभ उठाने के लिए एसएमएस भेजेगा जब प्रीकॉशन डोज़ लगना होगा। टीकाकरण प्रमाण पत्र में प्रीकॉशन डोज़ उपयुक्त रूप से दिखाई देगी।
डोज़ लगाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया गया ओरियंटेशन
बैठक में बताया गया कि जिला टीकाकरण अधिकारियों, शहरी नोडल अधिकारियों एवं डाटा मैनेजरों को 15 से 18 वर्ष के टीकाकरण एवं भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रीकॉशन डोज़ के संबंध में ओरिएंटेशन दिया गया है। कोविन पर उपयोगिता जल्द ही उपलब्ध होगी और जिलों को तदनुसार उन्मुख किया जाएगा तथा जिलेवार लक्ष्य जनसंख्या और अनुमानित बच्चों के आधार पर आनुपातिक रूप से आवंटित किए जा रहे हैं।
राज्य की वर्तमान कुल प्रतिदिन परीक्षण क्षमता लगभग 1,35,650 है
बैठक में बताया गया कि सरकारी आज की तारीख में राज्य में कोविड-19 की जांच के लिए 24 सरकारी मॉलिक्यूलर लैब हैं। इनमें से 15 जिला मॉलिक्यूलर लैब और 6 मेडिकल कॉलेज लैब के रूप में कार्य कर रहे हैं। बाकी तीन टीएचएसटीआई, फरीदाबाद (गोल लैब), आईएमटेक, चंडीगढ़ (भारत सरकार) और कमांड अस्पताल, चंडीमंदिर में कार्यरत हैं। इन प्रयोगशालाओं की प्रतिदिन परीक्षण क्षमता लगभग 31,000 है। जल्द ही तीन और जिला मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाएं स्थापित किए जाने की भी संभावना है। इसी प्रकार, बैठक में बताया गया कि आज की तारीख में 1,04,650 की प्रतिदिन परीक्षण क्षमता के साथ 23 निजी पैनलबद्ध मॉलिक्यूलर प्रयोगशालाएं हैं। राज्य की वर्तमान कुल प्रतिदिन परीक्षण क्षमता लगभग 1,35,650 है।
ऐसे ही, रॉकफेलर फाउंडेशन, यूएसए द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में कार्यरत पाथ (एनजीओ) द्वारा एमडीयू, रोहतक में अगली पीढ़ी के जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की स्थापना की गई है, जिसे जीनोमिक्स में अनुसंधान के उद्देश्य से बनाया गया है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में आक्सीजन प्लांट 84 ( 40 पी एम केयर व 44 सीएसआर), आक्सीजन कंसेंट्रेटर्स 7219, बीआई-पीएपी 751, हाई फ्लो नेसल कन्नुला (एचएफएनसी) 166, आक्सीजन सिलेंडर ( डी-टाइप ) 4950, आक्सीजन सिलेंडर (बी-टाइप ) 9067 है।
कोरोना नियमों का सख्ती से हो पालन
राज्य में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश कि कोरोना से संबंधित निर्धारित किये गए नियमों का पालन करवाने के लिए सख्ती की जाए ताकि बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, एनएचएम का मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक वीना सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।