नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद के उच्च सदन में स्वीकार किया कि सशस्त्र बलों में अधिकारियों के 9,362 पद जबकि 1,13,193 पद कर्मियों के खाली हैं । यह बताया गया कि भारतीय सेना में अधिकारियों के 7,476 पद और जूनियर कमीशंड अधिकारियों और अन्य रैंक के 97,177 पद रिक्त हैं। भारतीय वायु सेना में कुल 621 अधिकारी और 4,850 जूनियर कमीशंड अधिकारी और अन्य रैंक से जुड़े पद खाली हैं। भारतीय नौसेना में 1,265 पद अधिकारी के जबकि 11,166 पद जूनियर कमीशंड अधिकारी व अन्य रैंक के पद रिक्हैंत पड़े हैं .
यह जानकारी राज्यसभा में देश के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भाजपा नेता राकेश सिन्हा के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी, उन्कहोंने ओने उत्हातर में दावा किया है कि केंद्र सरकार ने अधिकारियों व कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए कई उपाय किए हैं।
उन्होंने कहा, इनमें, अन्य बातों के साथ-साथ सुस्थिर छवि प्रदर्शन, कैरियर मेलों और प्रदर्शनियों और सशस्त्र बलों में चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक करियर का लाभ उठाने के संबंध में युवाओं के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए प्रचार अभियान शामिल हैं।
युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) शिविरों में नियमित रूप से प्रेरक व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं।
इसके अलावा, सरकार ने सशस्त्र बलों में सेवा को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जिसमें सशस्त्र बलों में पदोन्नति की संभावनाओं में सुधार और रिक्तियों को भरना शामिल है।
इस विषय पर सरकार की नीति के अनुसार, सभी नागरिक अपनी जाति, पंथ, क्षेत्र या धर्म के बावजूद भारतीय सेना में नामांकन के लिए पात्र हैं।
मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता के बाद सरकार की यह नीति रही है कि किसी भी विशेष श्रेणी, समुदाय धर्म या क्षेत्र के लिए किसी नए रेजीमेंट की स्थापना नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर सरकार की नीति के अनुसार, सभी नागरिक अपनी जाति, संप्रदाय, क्षेत्र अथवा धर्म पर विचार किए बिना भारतीय सेना में भर्ती के लिए पात्र हैं।