गुरुग्राम , 06 दिसंबर : भारतीय अर्थव्यवस्था में राजकोषीय संकट को कम करने के लिए डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा वकालत किए गए सार्वजनिक व्यय के कैनन को अपनाना प्रासंगिक होगा। अंबेडकर ने कहा कि प्रत्येक सरकार को जनता से प्राप्त संसाधनों को न केवल नियमों, कानूनों और विनियमों के अनुसार खर्च करना चाहिए, बल्कि यह भी देखना चाहिए कि विश्वास, बुद्धि और अर्थव्यवस्था ’को सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा खर्च के कार्यों में पालन किया जाता है”। ये शब्द आज प्रोफेसर एम.एम. गोयल कुलपति स्टारेक्स विश्वविद्यालय गुरुग्राम एवं संस्थापक नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट ने कहे । वे आज भारत रत्न डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
प्रोफेसर गोयल ने कहा कि अंबेडकर के सार्वजनिक खर्च के कैनन के बारे में उल्लेखनीय बात यह है कि वे वाद तटस्थ हैं और बड़े या छोटे सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा अनुसरण किया जा सकता है ।
राजनीति विज्ञान के एचओडी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि बाबा साहेब के नाम से मशहूर डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर भारत के महानतम सुधार नेता और भारत के संविधान के मुख्य निर्माता थे।
मानविकी एवं वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के संकाय सदस्यों ने भी भरत रतन डॉ. बी.आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की