नागालैंड की घटना गलत पहचान का मामला था : अमित शाह

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सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नागालैंड में सुरक्षाबलों के कथित हमले में 14 लोगों की मृत्यु के मामले पर लोकसभा में आधिकारिक बयान देने के क्रम में कहा कि यह गलत पहचान का मामला था। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और भारत सरकार एवं नागालैंड सरकार इस पर नजर बनाए हुए हैं । उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की गई है जबकि गृह मंत्रालय में नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट के प्रभारी अपर महासचिव को खेती की समीक्षा के लिए नागालैंड भेजा गया है। उन्होंने इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कि और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.

गृह मंत्री ने कहा कि 4 दिसंबर को एक वाहन में कुछ लोग बॉर्डर के आसपास से गुजर रहे थे .  सुरक्षाबलों को कुछ विद्रोहियों के वहां से गुजरने की सूचना मिली थी.  इसके आधार पर उन्हें रुकने का इशारा किया गया। गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों की ओर से इशारा करने के बावजूद वह वाहन और तेजी से भगाने लगा ऐसे में सुरक्षाबलों ने उन्हें आतंकवादी समझ कर गोलियां चलाई जिसमें वाहन में मौजूद आठ में छह लोगों की मृत्यु हो गई । रेल मंत्री ने कहा कि बाद में यह पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि जो जो व्यक्ति वहां से भागे थे उनको भी सेना ने नजदीक के अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया. उनका कहना था कि इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया और उनके दो वाहन जला दिए. इस आगजनी में 1 जवान शहीद हुए जबकि कई घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाई जिसमें 7 और लोगों की मृत्यु हो गई।

उन्होंने कहा कि स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रयासरत है और हालात तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है।  नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर नागालैंड ने उक्त घटनास्थल का दौरा किया है और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

उन्होंने संसद को बताया कि इस मामले में स्थानीय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और इसकी जांच के लिए राज्य की पुलिस को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है जो 1 माह के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी ।

गृह मंत्री श्री शाह का कहना था कि 5 दिसंबर की शाम को लगभग ढाई सौ लोगों की झुंड ने असम राइफल कैंप को घेर लिया और वहां तोड़फोड़ की. उन लोगों ने की ओ पी के मकान में भी आग लगा दी. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए गोली चलानी पड़ी इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि एक घायल है।

उन्होंने लोकसभा को आश्वस्त किया कि इस मामले में कानून के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी.  उनका कहना था कि स्वयं गृहमंत्री ने नागालैंड के गवर्नर और मुख्यमंत्री से बातचीत की और स्थिति के बारे में चर्चा की. उनका कहना था कि स्थिति नियंत्रण में है।

उनका कहना था कि नागालैंड में उत्पन्न हालात पर चर्चा करने और उसकी समीक्षा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय में नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट के प्रभारी अपर सचिव को नागालैंड भेजा गया है. उन्होंने वहां के डीजीपी और संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है और आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया है।

केन्द्रीय मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो. उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर उनकी नजर बनी हुई है और प्रदेश में शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं. उनका कहना था कि प्रभावित क्षेत्र में राज्य सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर दिया है. इस घटना की जांच के लिए गठित एसआईटी अपनी रिपोर्ट एक माह के अंदर सरकार को सौंपी।

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