Font Size
फरीदाबाद. शहर के एयरफोर्स नाले पर बेस 300 से अधिक घरों संकट पैदा हो गया है। नगर निगम इन्हें हटाने की तयारी में है। इनके कब्जों की वजह से नाला साफ करने में कठिनाइ हो रही है। पिछले दिनों ग्रीवांस कमेटी में यह मुद्दा उठा था। अब मंत्री के आदेश के बाद नाले की सफाई के लिए कब्जों का सफाया करने की तैयारी है। इसलिए गुरुवार को नगर निगम के चीफ इंजीनियर ओपी गोयल सहित अन्य अधिकारियों ने नाले का मुआयना किया।
हालांकि इन बेस लोगों को कब्जे हटाने का नोटिस भी भेजा जा चुका है। एयरफोर्स स्टेशन की दीवार से एक नाला शुरू होकर कई कॉलोनियों को पार करते हुए गौंछी ड्रेन तक जाता है। एयरफोर्स की दीवार से लेकर कुछ दूरी तक तो नाला अंडरग्राउंड है लेकिन करीब 2 किलोमीटर यह नाला खुला बहता है। इस की चौड़ाई 12 फुट थी लेकिन अब कब्जे के कारण करीब 6 फुट रह गई है।
इस नाले के आसपास बने मकान मालिकों ने इस पर कब्जा कर लिया है। मकान के पीछे की तरफ अधिकतर टॉयलेट बना लिए हैं। किसी ने बरामदा बना लिया है तो किसी ने चबूतरा बना रखा है। इस तरह से करीब सभी मकान मालिकों ने 6-6 फुट नाले पर कब्जा कर लिया है। चुंकि टॉयलेट व अन्य निर्माण मकानों से अटैच है। इसलिए कब्जों के सफाए में मकान भी गिरेंगे।
क्यों हो रही कठिनाई ?
नगर निगम के चीफ इंजीनियर ओपी गोयल के अनुसार इस नाले पर करीब 2 किलोमीटर तक अवैध कब्जे हैं। इस नाले की सफाई के लिए करीब 300 मकानों को तोड़ना पड़ेगा। इसके बाद यहां जेसीबी चल सकती है। नाले की गहराई 8 फुट है और इसमें काफी दलदल बना हुआ है। इसलिए कर्मचारी की जान को खतरा हो सकता है। इसके अलावा करीब 30 लाख रुपए खर्च होगा ।
पर्वतीया कॉलोनी निवासी सलीम खान ने ग्रीवेंस कमेटी में एक शिकायत की थी। इनके अनुसार इस कॉलोनी में जगह-जगह जलभराव से यहां सड़कें टूट चुकी हैं। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हैं,