हानिकारक ऑनलाइन गतिविधियों से बचाने के लिए श्रोताओं को जागरूक किया
प्रो. एम.एम. गोयल, कुलपति स्टारेक्स विश्वविद्यालय ने शिक्षण संस्थानों के साथ सहयोगी तंत्र स्थापित करने का दिया सुझाव
गुरुग्राम, 1 दिसंबर : स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज और स्कूल ऑफ लॉ द्वारा आज एक वेबिनार का आयोजन किया गया था। डॉ. अरशद शरीफ इस वेबिनार के मुख्य वक्ता थे।
इस अवसर पर डॉ. अरशद ने कहा कि साइबर अपराध और सुरक्षा हमारे सिस्टम को हानिकारक ऑनलाइन गतिविधियों से बचाने के लिए एक अभ्यास है जिससे डेटा, गोपनीयता और यहां तक कि जीवन की हानि हो सकती है, इसलिए देश का नागरिक होने के नाते हमें खुद को शिक्षित और सिद्धांतों, कानूनों के बारे में जागरूक करना चाहिए। ऑनलाइन अपराधों को कम करने के लिए नियमों का पालन करना और उन्हें लागू करना। किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि के शिकार होने के लिए घबराएं नहीं, उचित प्रक्रियाओं का पालन करें और अपना जीवन यापन करें और शांति से जीवित रहें।
प्रो. एम.एम. गोयल, कुलपति स्टारेक्स विश्वविद्यालय का मत था भारत में साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए, हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और नैतिकता के साथ कानून, फोरेंसिक विज्ञान और कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोगी तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है ।
प्रो. गोयल ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं (आईटीईएस) के उपयोग ने निश्चित रूप से कार्य संस्कृति, व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी में सुधार किया है। Starex विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि AI के साथ ITes के दुरुपयोग से साइबर अपराध, हमले और आतंकवाद हुआ है, इससे निपटने के योग्य है और मजबूत साइबर कानूनों की मांग करता है।
प्रो. गोयल ने समझाया, समानांतर अर्थव्यवस्था को कम करने और आधिकारिक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए हमें विवेक के साथ साइबर अपराधों को सतर्कता, जागृति और जागरूकता (एएए) के साथ नियंत्रित करना होगा। स्टारेक्स यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक साइंस विभाग की प्रमुख कोमल यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इसमें 100 से अधिक सहभागी थे। कार्यशाला का आयोजन डॉ. चंचल गर्ग, डॉ. अंजू, सुश्री मुस्कान, सुश्री हितांशी एवं सुश्री भव्या ने किया।