चुनाव जीत कर नेता जी को तोहफा दूंगा : अखिलेश
अब सब कुछ ठीक हो गया : शिवपाल
लखनऊ : समाजवादी पार्टी में जारी सता संघर्ष में फिर नया मोड़ आया. शनिवार को मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव की आजम खान की मध्यस्थता में हुयी बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया गया है. अब एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है. समझा जाता है कि आजम खान की पहल पर यह निर्णय लिया गया है. उसी का नतीजा है कि एक बार फिर सुलह की गुंजाइश बनी और सपा सुप्रीमो ने बैठक खत्म होने के तत्काल बाद अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द करते हुए उनकी पार्टी में वापसी का फैसला किया है.
बताया जाता है कि इस महत्वपूर्ण बैठक में शिवपाल व अबू आजमी भी मौजूद थे. बैठक में आजम ने अखिलेश के साथ मिलकर अमर सिंह को निकालने की मांग भी की. आजम ने इस बात पर बल दिया कि अगर अमर सिंह को निकाला जाता है तो सब ठीक हो जाएगा.
दूसरी तरफ सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा है की पार्टी में अब सब कुछ ठीक हो गया है. उम्मीदवारों पर सब मिलकर बात करेंगे. अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को टिकट बंटवारे को लेकर टकराव इतना बढ़ा कि पांच साल पहले अपनी विरासत बेटे को सौंपने वाले पिता मुलायम सिंह यादव ने उसी बेटे अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से ही निकाल दिया था.
गौरतलब है कि शुक्रवार को आये सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज विधायकों की बैठक बुलाई थी. दावा किया गया है कि करीब 200 से अधिक विधायक और 30 से ज्यादा एमएलसी और नेता अखिलेश से मिलने पहुंचे थे. उधर, दूसरी ओर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर बैठक बुलाई थी जिसमें करीब 20 विधायक और 60 उम्मीदवार ही पहुंचे. संकेत है कि मुलायम से मिलने गिने-चुने लोग ही पहुंचे. दरअसल, इसके पीछे वजह साफ है कि पार्टी के लोग मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें अपना भविष्य अखिलेश यादव में दिखाई दे रहा है.
मिडिया में ख़बरें आइन कि अखिलेश यादव बैठक में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि हमें 2017 का चुनाव जीतकर नेताजी को तोहफे के तौर पर देना है. दरअसल अखिलेश बहुत संभलकर बात कर रहे हैं. वह इस माहौल में ऐसी कोई बात नहीं कहना चाहते जिससे यह लगे कि बेटे ने पिता से बगावत की है.
इधर शुक्रवार को अखिलेश और रामगोपाल को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निकाले जाने के बाद बड़ी संख्या में अखिलेश समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए थे. लोग अखिलेश के समर्थन में नारेबाज़ी करते दिखे . एक समर्थक ने तो आत्मदाह की भी कोशिश की. अखिलेश समर्थक मुलायम सिंह यादव से अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे थे. समर्थकों को उग्र होते देख अखिलेश ने अपने एक विधायक को समर्थकों के बीच भेज कर संयम बरतने का संदेश दिया. साथ ही किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनज़र मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के घर के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के निर्देश दिए.