नई दिल्ली : कांग्रेस पार्ट्री के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की. लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना के बारे में राष्ट्रपति को सविस्तार स्थिति से अवगत करवाया और उनके समक्ष शहीद किसानों के परिजनों की मांगें रखी.
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राष्ट्रपति भवन के बाहर राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे ने बताया कि अपराध के बाद जब सरकार व प्रशासन अन्याय करने लगें, तब आवाज़ उठाना ज़रूरी है। लखीमपुर अन्याय मामले में हमारी दो माँगें हैं निष्पक्ष न्यायिक जाँच और गृह राज्य मंत्री की तुरंत बर्ख़ास्तगी. लखीमपुर नरसंहार के शहीद किसानों के परिवार न्याय चाहते हैं। जिस व्यक्ति ने ये हत्याएं की हैं, उसको सजा मिले।
पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी मांगें हैं कि गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाये, दो सिटिंग जजों के अधीन निष्पक्ष जाँच हो, अपराधियों को सजा मिले. उन्होंने कहा कि पत्रकारों के सवालों से प्रधानमंत्री डरते होंगे। लेकिन न्याय की आवाज बुलंद करने वाले ना सवालों से डरते हैं, ना सत्ता के जोर-जुल्म से।
उन्होंने कहा कि किसान परिवारों को न्याय दिलाने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। पीएम मोदी पता नहीं कौन सा राजनीतिक चश्मा लगाए हुए हैं, जिससे उनको देश और देशवासियों के साथ हो रहे मानवाधिकारों का हनन न तो दिखाई दे रहा है, न लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। उन्होंने जो बात कही है, वह सबसे पहले खुद उन पर ही लागू होती है।
राहुल गाँधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की अक्षम्य और निर्मम हत्या ने भारत की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। लाखों किसान तीन काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली के दरवाजे पर करीब एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक हजार के करीब किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन गांधीवादी तरीके से न्याय पाने का उनका दृढ़ संकल्प कायम है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की नीति अन्नदाता को “थकाने और परेशान” करने की है, यह एक ऐसी रणनीति है जो विफल हो चुकी है।
कांग्रेस पार्टी के नेता ने कहा कि देश का अन्नदाता भी भाजपाई नीति और हथकंडों को समझ रहा है। जब किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो वाहनों के काफिले ने किसानों व पत्रकार को कुचल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुष्टि की है कि मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा वाहन में थे। यह अब तक की सबसे वीभत्स और सुनियोजित हरकतों में से एक थी, जो कैमरे में कैद हो गई थी।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि आपराधिक और सत्ता के दुरुपयोग के संदर्भ के बावजूद, अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के रूप में पद पर बने हुए हैं। उन्होंने मांग की कि अजय मिश्रा की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए और उन्हें पद से बर्खास्त किया जाये। उन्होंने यह कहते हुए आशंका व्यक्त की कि उनके पद पर रहते निष्पक्ष जाँच की उम्मीद बेमानी होगी। हमने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष दो मांगें रखी हैं पहली मांग है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें और दूसरी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के दो मौजूदा जजों वाले आयोग द्वारा एक स्वतंत्र न्यायिक जांच का निर्देश दें।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल कांग्रेस कि महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि लखीमपुर-खीरी किसान नरसंहार की घटना पर आज राहुल गांधी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी से मिलकर न्याय की आवाज उठाई।