लखनऊ : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंततः उत्तर प्रदेश का रुख किया और वे आज लखनऊ पहुंचे. हालांकि उन्हें प्लेन से एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत तो दी गई लेकिन एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिली. उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया. विरोध स्वरूप श्री बघेल लखनऊ एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए हिंसक घटना को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम लगातार जारी है. इस क्रम में आज एक और कड़ी तब जुड़ गई जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ पहुंचे. हालांकि सोमवार को उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर अपने प्लेन से उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी लेकिन आज वह लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरे और अपने लाव लश्कर के साथ एयरपोर्ट से बाहर जाने लगे. लेकिन उन्हें एयरपोर्ट लाउंज में ही स्थानीय प्रशासन के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने बाहर जाने देने से मना कर दिया.
श्री बघेल ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने देने का कारण जानना चाहा. वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से जारी उनसे संबंधित आदेश को पढ़कर सुनाने की कोशिश की. उक्त पुलिस अधिकारी ने एक पंक्ति पढी ही थी कि वहां मौजूद दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें उस आदेश को पढ़कर सुनाने से मना कर दिया. छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल इस बात पर बल देते रहे कि उनका अपराध बताया जाए कि आखिर वह क्या कारण है कि उन्हें एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्होंने बारंबार इस बात को दोहराया कि वह लखीमपुर खीरी नहीं जाएंगे जहां धारा 144 लागू है.
उनका कहना था कि लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू है, लखनऊ में नहीं है. फिर उन्हें लखनऊ में प्रवेश करने से क्यों प्रतिबंधित किया जा रहा है. एयरपोर्ट पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उनसे बारंबार वी आई पी लांज में बैठने के लिए उनसे आग्रह करते दिखे. लेकिन जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन्हें बाहर जाने देने की अनुमति नहीं देने पर अड़े रहे तो श्री बघेल एयरपोर्ट के फर्श पर ही विरोध स्वरूप धरने पर बैठ गए।
इस बीच एयरपोर्ट पर श्री बघेल और लखनऊ के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुए संवाद का वीडियो उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी किया गया है. इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी घटना से संबंधित हर प्रकार की गतिविधियों पर कैमरे से भी नजर रखे हुए हैं. उत्तर प्रदेश शासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों एवं कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ हो रहे पुलिस एवं प्रशासनिक व्यवहार को भी तत्काल कैमरे में कैद कर आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश जारी है। जाहिर है इन स्थितियों का वीडियो ,पब्लिक डोमेन में आने के बाद उनके समर्थन में उनके कार्यकर्ताओं का जमावड़ा आसपास होना शुरू हो जाता है. इससे स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लिए निपटना चुनौती बन जाती है जबकि कांग्रेस पार्टी को इसका राजनीतिक लाभ मिलता भी दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है. एयरपोर्ट पर धरना जारी है. पार्टी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की यह तानाशाही नहीं चलेगी. किसानों की आवाज नहीं दबेगी. आखिर भूपेश बघेल को क्यों रोका जा रहा है तानाशाह भाजपा सरकार को करारा जवाब मिलेगा.”
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी अपने बयान में उत्तर प्रदेश सरकार से यह कहते हुए सवाल किया है कि क्या उत्तर प्रदेश में किसी को आने जाने की अनुमति नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें रोकने का कारण बताने की मांग की है।
श्री बघेल ने जारी बयान में कहा है कि मैं यहां लखीमपुर खीरी नहीं बल्कि सीतापुर जाने के लिए आया था. क्योंकि वहां हमारी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी को कैद करके रखा गया है. मैं उनसे मिलने आया था और यह जानने की कोशिश होती कि आपके उन्हें क्यों हिरासत में रखा गया है. मेरा लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में जाकर अपनी पार्टी के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम था लेकिन यहां आने के बाद पुलिस और प्रशासन ने मुझे बताया कि आपको एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. इसलिए मैं यही एयरपोर्ट के फर्श पर बैठा हूं.