नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना का परिवहन विमान हरक्यूलिस सी-130जे ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं हाई वे मंत्री नितिन गडकरी को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नवनिर्मित 3.5 किलोमीटर लंबी आपातकालीन लैंडिंग की। यह ऐतिहासिक घटना अंतरराष्ट्रीय सीमा से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर हुई। यह स्थान राजस्थान के जालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग-925 पर सट्टा-गंधव खंड में है. यहाँ एन एच ए आई के सहयोग से आपातकालीन लैंडिंग पट्टी का निर्माण 43 करोड़ रुपये में किया गया है.
इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हमारा देश अपनी आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। 1971 की विजय का ‘स्वर्णिम वर्ष’ मना रहा है। साथ ही यह स्थान, उत्तरलाई, जहाँ हम सभी उपस्थित हुए हैं, यह स्वयं 1971 की विजय का साक्षी रहा है.
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे में इस emergency landing field का निर्माण, मन में उत्साह भी पैदा करता है, और सुरक्षा के प्रति एक विश्वास भी। इसलिए आज का यह दिन हम सबके लिए एक खास दिन है.
उन्होंने दोनों मंत्रालयों एवं सड़क निर्माण में जुटी एजेंसियों को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही कदम पहले, इस फील्ड का निर्माण कर आप लोगों ने यह साबित कर दिया, कि भारत की सुरक्षा के लिए हम लोग कितने तैयार हैं। मुझे बताया गया, कि 3 किलोमीटर लंबा यह stretch, Covid जैसी महामारी के बीच भी, महज 19 माह में बनाकर तैयार कर दिया गया.
उनके अनुसार यह हाईवे और landing field, देश की पश्चिमी सीमा पर आधारभूत संरचना के साथ-साथ, सुरक्षा को और भी मज़बूत करेगा। न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि उसके साथ-साथ यह प्राकृतिक आपदाओं में भी अपनी अहम् भूमिका निभाएगा, ऐसा मेरा विश्वास है.
उनका कहना था कि प्राकृतिक आपदाओं में राहत पहुंचाने की बात जब मैं करता हूँ, तो मैं समझता हूं कि वह स्थिति भी किसी युद्धकाल से कम नहीं होती है। उसमें भी हमारी सेनाएं उसी त्याग, संकल्प और समर्पण का उदाहरण देती हैं जैसा युद्द के समय होता है.
रक्षा मंत्री ने दावा किया कि हमारी सरकार ने शुरुआत से ही देशभर में न केवल roads और highways का जाल, बल्कि स्ट्रैटेजिक और सिविल दृष्टि से महत्वपूर्ण जगहों पर इस तरह की emergency landing fields के निर्माण का भी हमने पूरा ध्यान रखा है. उन्होंने कहा कि सन 2016 में हमारी सरकार ने, इस तरह की emergency landing fields के लिए, inter-ministerial committee बना कर देशभर में 29 जगहें चिह्नित की थीं। इनमें 11 spots तो national highways पर हैं.
उन्होंने बताया कि ‘भारतमाला परियोजना’ इसी तरह की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह देश के साढ़े पाँच सौ districts को एक साथ जोड़ते हुए, उनके बीच लोगों और सामानों की आवाजाही को सुगम बनाएगी. हाल ही में BRO ने लद्दाख में, 19,300 फ़ीट पर दुनिया के सबसे ऊंचे Motorable road का निर्माण कार्य पूरा किया है। 52 किलोमीटर लंबी यह road Umlingla pass के through, eastern ladakh में Chumar sector के अनेक महत्त्वपूर्ण इलाकों को जोड़ेगा.
रक्षा मंत्री श्री सिंह ने यह कहते हुए पिछली धारणाओं को निर्मूल करार दिया की कुछ समय पहले तक एक विषम मान्यता थी, कि यदि आप Defence पर ज़्यादा खर्च करते हैं, तो बाकी Development पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. हमारी सरकार द्वारा लगातार जारी roads और highways Projects ने यह साबित किया है, कि ‘Defence’ और ‘Development’, दो अलग entities नहीं हैं। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.
इससे पूर्व सड़क परिवहन एवं हाई वे मंत्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश में इस प्रकार की 20 हाईवे पर landing field तैयार की जा रही है. कई जगह काम चल रहे हैं जबकि कुछ जगहों पर तकनीकि परीक्षण जारी है. इनमे पूर्वोत्तर और दक्षिण के राज्य भी शामिल हैं.