निलंबन वापस नहीं लेने पर 10 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी
तकनीकी अधिकारियों के लिए अधीक्षण अभियंता का निलंबन आदेश अब प्रतिष्ठा का सवाल बना गया
निगम कमिश्नर को कार्य स्थगन का नोटिस सौंपा, निलंबन को गैरजरूरी करार दिया
अधीक्षण अभियंता द्वारा मेयर के साथ कथित बदसलूकी के आरोप को पूरी तरह निराधार बताया
अधिकारियों ने पार्षदों , पार्षद पतियों व मेयर के पुत्र पर लगाये गंभीर आरोप
पार्षद , पार्षदपति व मेयर के पुत्र बैठक में अधिकारियों से करते हैं गाली गलौच
निगम कमिशनर को है जानकारी लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई
सुभाष चौधरी
गुरुग्राम : नगर निगम गुरुग्राम में मेयर मधु आजाद और तकनीकी अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच लड़ाई उफान पर पहुँच गया है. निगम के तकनीकी अधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता रमेश शर्मा के निलंबन के आदेश को अब प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. बुधवार देर शाम गृह एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के आदेश पर जारी निलंबन के आदेश के विरोध में नगर निगम गुरुग्राम के इंजीनियरिंग विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने निलंबन तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नगर निगम कमिश्नर को कार्य स्थगन का नोटिस सौंपा है. ज्ञापन की प्रति शहरी निकाय मंत्री श्री विज सहित विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक, महापौर नगर निगम गुरुग्राम और नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा को भी भेजी गई है. निलंबन के विरोध में निगम के सभी अभियंता व कर्मचारी 9 सितंबर को कामकाज बंद रखेंगे. ज्ञापन में साफ शब्दों में यह धमकी दी है कि अगर 9 सितंबर को श्री शर्मा का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो नगर निगम गुरुग्राम के सभी कर्मचारी 10 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
गुरुग्राम नगर निगम के कमिश्नर को सौपे ज्ञापन में अभियंताओं व कर्मचारियों ने मेयर, पार्षद, मेयर के पुत्र और महिला पार्षदों के पतियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ज्ञापन में गत 6 सितंबर को आयोजित बैठक में मेयर मधु आजाद के साथ अधीक्षण अभियंता द्वारा कथित बदसलूकी के आरोप को पूरी तरह निराधार बताया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त तिथि को सलाहकार के पदों पर कार्यरत अधिकारियों की कार्यशैली के बारे में बैठक बुलाई गई थी. उक्त बैठक में मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधीक्षण अभियंता 1 व अतिरिक्त निगम आयुक्त भी शामिल हुए थे. बैठक के दौरान मेयर मधु आजाद ने ऊंची आवाज में अनावश्यक तौर पर किसी काम को करने का दबाव अधीक्षण अभियंता रमेश शर्मा पर बनाने की कोशिश की जो कि पूरी तरह अनुचित था. बैठक में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और इससे बचने की दृष्टि से अधीक्षण अभियंता बैठक से बाहर चले गए ताकि बैठक की गरिमा बनी रहे और वाद विवाद आगे न बढ़े।
अभियंता एवं कर्मचारियों ने स्पष्ट तौर पर 7 सितंबर को नगर निगम कमिश्नर द्वारा अधीक्षण अभियंता श्री शर्मा का चार्ज वापस लेने और शहरी निकाय मंत्री अनिल विज द्वारा उन्हें निलंबित करने के आदेश को सरासर गलत बताया है। इसका प्रबल विरोढ करते हए उन्हें पुनः बहाल करने की मांग की है.
अभियंताओं ने ज्ञापन में पिछले दिनों पार्षदों के एक समूह द्वारा मुख्य अभियंता नगर निगम गुरुग्राम के कार्यालय में जबरन घुसकर गाली गलौज करने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया है। इस घटना की जानकारी नगर निगम कमिश्नर को पहले भी मुख्य अभियंता द्वारा टेलीफोन पर और निजी रूप से भी मिल कर दी गई थी लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए भी सभी अधिकारी व कर्मचारी बेहद नाराज हैं.
ज्ञापन में अभियंताओं और नगर निगम के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की सभी प्रकार की बैठकों में पार्षदों, पार्षद पतियों एवं महापौर के पुत्र निगम के अभियंताओं के साथ बारंबार दुर्व्यवहार करते रहे हैं. अधिकारियों से दुर्व्यवहार करना नगर निगम गुरुग्राम के पार्षदों व पार्षद पतियों की परिपाटी बन गई है. बैठक में महिला पार्षदों के पतियों व महापौर के पुत्र नियमों को ताक पर रखकर शामिल होते हैं और अधिकारियों पर नियम विरुद्ध काम करने के लिए दबाव बनाते हैं। इसकी जानकारी निगम कमिशनर को भी है.
इस प्रकार की रणनीति अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए अपनाई जाती है. अभियन्ताओं ने इस पर तत्काल अंकुश लगाने की मांग की है। ज्ञापन में यहां तक कहा गया है कि कुछ पार्षदों एवं महिला पार्षद के पतियों और महापौर के पुत्र के अभद्र व्यवहार से सभी नगर निगम कर्मचारी व्यथित हैं।
कर्मचारियों ने निगमायुक्त को लिखे पत्र में यह साफ कर दिया है कि अधीक्षण अभियंता रमेश शर्मा को गलत तरीके से निलंबित करने के विरोध में सभी अभियंता व कर्मचारी यूनियन 9 सितंबर गुरुवार को काम काज बंद रखेंगे. इस संबंध में अभियंताओं द्वारा निगमायुक्त को कार्य स्थगन नोटिस दिया गया है।
अभियंताओं एवं कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता श्री शर्मा के निलंबन आदेश को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है । ज्ञापन में खुले तौर पर धमकी दी गई है कि अगर 9 सितंबर को उक्त निलंबन आदेश बिना शर्त वापस नहीं लिया गया तो नगर निगम गुरुग्राम के सभी कर्मचारी 10 सितंबर से हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे । इस स्थिति से जनता को होने वाली परेशानी के लिए नगर निगम प्रशासन जिम्मेदार होगा।