सेवानिवृति के बाद समाज के कार्यों में निभाएं अहम भूमिका : दीपक मंगला

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31 साल की सेवाकाल के बाद छपरौला के राजकीय उच्च विद्यालय से सेवानिवृत हुए हरकेश शास्त्री

पलवल। राजकीय उच्च विद्यालय छपरौला से हरकेश शास्त्री सेवानिवृत हो गए। हाईवे स्थित आल्हापुर के लक्ष्य गार्डन में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं के अलावा सामाजिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी व इलाके से आए पंच-सरपंच के अलावा गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनके दीर्घायु jजीवन की कामना करते हुए उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ, मृदृभाषी, सहृदय एवं समर्पित शिक्षक बताया।

पलवल विधायक दीपक मंगला ने इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते हैं। वे हमेशा समाज के लोगों को एक नई दिशा प्रदान करते रहे हैं। उन्होंने शास्त्री से आग्रह किया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज के कार्यों में बढ़ चढ़कर भूमिका निभाएं, ताकि इससे हमार समाज सशक्त और मजबूत हो सके।

कार्यक्रम में होडल विधायक जगदीश नायर, पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा, पूर्व विधायक सुभाष चौधरी, पूर्व चेयरमैन शशीबाला तेवतिया, अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा उर्फ बबली, पूर्व विधायक आनंद कौशिक के पुत्र विनोद कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल, जिला मौलिक अधिकारी गौतम कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी सुखबीर, संस्कृत अध्यापक राज्य संघ के संरक्षक प्रोफेसर रोशन लाल, संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रसाद कौशिक, हसला जिला प्रधान बलबीर सिंह के अलावा विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों से आए पदाधिकारियों के अलावा इलाके के कई गांवों से आए पंच-सरपंच मौजूद रहे। होडल विधायक जगदीश नायर ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। आपने हमेशा शिक्षक की अहम भूमिका निभारते हुए अपना जीवन समाजसेवा में लगाया। यही जीवन की नेक कमाई है। पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने कहा कि आप शिक्षक के साथ-साथ राजनीति से भी जुड़े रहे हैं, इसलिए आप समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ राजनीति में सक्रियता भूमिका निभाएं।

इससे पहले छपरौला स्थित राजकीय विद्यालय परिसर में एक स्कूल की ओर से विदाई सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें हरकेश शास्त्री एवं गेस्ट टीचर एलएन पाराशर को विदाई दी गई। स्कूल में मंच संचालक विनोद कुमार ने किया। इस मौके पर शिक्षा अधिकारी, शिक्षक संघ के राज्य व जिलास्तरीय नेता व मुख्याधिपिका गीता देवी ने कहा कि कहा कि हरकेश शास्त्री मिलनसार, समय के पाबंद, कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई, गेस्ट टीचर रहे एलएन पारासर ने भी कठिन परीश्रम कर अपने अध्यापन कार्य में एक उदाहरण पेश किया। उन्होंने उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए कहा कि ऐसे आदर्श शिक्षक की कमी विद्यालय परिवार को हमेशा खलेगी। इसके बाद उनका लक्ष्य गार्डन में पहुंचने पर ढोल नंगाड़े के बीच उनका स्वागत किया।

भावुक पल में जताया शास्त्री ने आभार

सेवानिवृत्त शिक्षक हरकेश शास्त्री उपस्थित गणमान्य लोगों को देख भावुक हो उठे। उन्होंने उपस्थित सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज उन्हें जो सम्मान दिया उसे कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकता है। आज से वह आपके ऋणी हो गए हैं। मौके पर अतिथियों व विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा इलाके के लोगों ने हरकेश शास्त्री को शाल आदि भेंटकर सम्मानित किया। दरअसल, 31 साल 5 महीने की सरकारी सेवा के बाद सेवानिवृत्त किसी भी कर्मचारी के लिए एक भावुक पल होता है. हो भी क्यों न, सेवा पूर्ण करना एक सम्मान है, जिसकी तमन्ना सभी कर्मचारियों को होती है. तभी तो सेवानिवृत्ति पर जश्न मनाया जाता है।

छपरौला में आयोजित समारोह के बाद हरकेश शास्त्री को गाजे-बाजे के साथ आल्हापुर में हाईवे स्थित लक्ष्य गार्डन ले जाया गया। जहां उनका ग्रामीणों ने फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। गले में फूलों की माला यह एहसास कराती है कि हरकेश शास्त्री ने अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के विदाई स्वरूप उन्हें शॉल सहित अंगवस्त्र आदि भेंट किये गये। इसके साथ ही अन्य उच्च विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा भी उन्हें उपहार भेंट किये गये।

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