गुरुग्राम : कोरोना महामारी काल को भी लोगों ने अपनी कमाई के अवसर में तब्दील कर दिया. कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनसे यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी, डाक्टर या फिर व्यावसायी सभी जमकर लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया है. गुरुग्राम में पहले तो रेम्देसिविर इंजेक्शन को लेकर गुरुग्राम पुलिस ने भंडाफोड़ किया था अब ऑक्सीमीटर व ऑक्सीजन फ्लो मीटर बेचने के नाम पर एक व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल प्रबंधन को ही चूना लगा दिया। व्यक्ति ने अस्पताल प्रबंधन से बैंक खाते में करीब ढाई लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए और ऑक्सीमीटर ही नहीं भेजा। सेक्टर-10 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मॉडल टाउन दिल्ली निवासी डॉ करण विभानी ने बताया कि उन्होंने डॉ ललित शर्मा के साथ हिमगिरी चौक पर वैदिक अस्पताल बनाया हुआ है। शिकायत में उन्होंने बताया कि डॉक्टरों ने ऑक्सीमीटर इन इंडिया के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। इसमें शिव एंटरप्राइजेज ने ऑक्सीमीटर व ऑक्सीजन फ्लो मीटर की फोटो भेजते हुए रेट भेज दिया। सौदा तय करके उन्होंने शिव एंटरप्राइजेज द्वारा बताए गए बैंक खाते में 29 अप्रैल को 52640 रुपए ट्रांसफर कर दिए।
सामान भेजने के लिए उसने एक दिन का समय मांगते हुए आशापुरा एंटरप्राइजेज के गुजरात ब्रांच का नंबर व बैंक खाता नंबर दे दिया। शिव एंटरप्राइजेज के कहने पर उन्होंने 1.17 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए और दो दिन में दिल्ली तक ऑर्डर पहुंचने की बात कही। 8 मई को बताया 70 हजार रुपए देते हुए उन्होंने ऑक्सीमीटर देने की शिव एंटरप्राइजेज से मांग की तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। इस पर उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया।