भाजपा सरकार का शिक्षा को बढ़ावा देने का नायब उदाहरण
प्राइमरी स्कूल में पिछले 21 दिन से कोई अध्यापक नहीं , स्कूल में ताला लगा
अधर में लटका 272 बच्चों का भविष्य
यूनुस अलवी
मेवात : हरियाणा प्रदेश में लगभग ढाई साल से गद्दीनशीन भाजपा सरकार भले ही शिक्षा को बढावा देने के लाख दावे कर रही हो पर पुन्हाना उपमंडल के गांव जाडौली का राजकीय कन्या मिडिल विद्यालय जहां पिछले 9 साल से टीचर लैस स्कूल चल रहा है वहीं गांव के प्राइमरी स्कूल में पिछले 21 दिन से कोई भी अध्यापक नहीं होने की वजह से स्कूल में ताला लटक रहा है। इसकी वजह से गाँव के मिडिल और प्राईमरी स्कूल में पढने वाले करीब 272 बच्चे 21 वीं सदी के भारत में देश की राजधानी से महज 60 किलोमीटर दूरी पर अपने भविष्य को अधर में लकते देख रो रहे हैं. और आश्चर्यजनक बात तो यह्हाई कि इनमें से अधिकतर बालिकाएं हैं जिनके लिए हरियाणा सरकार ने बेटी बचाओ व बेटी पढाओ का नारा दिया है.
इस गाँव की बालिकाओं से बात कर इस बात का पूरा एहसास हो जाता है कि प्रदेश सरकार लड़कियों की शिक्षा व व्यक्तित्व विकास को लेकर किती संवेदन शील है. देश के प्रधान मंत्री के माध्यम से दिए अपने उक्त नारा हरियाण में ही धूल चाट रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पुन्हाना उपमंडल के गांव जाडौली कि गर्ल प्राईमरी स्कूल को शिक्षा विभाग ने वर्ष 2008 में मिडिल स्कूल के रूप में अपग्रेड किया था। दुखद पहलु यह है कि पिछले 9 सालों से सरकार ने इस स्कूल में एक भी अध्यापक नियमित नहीं लगाया। यह सोच कर भी व्यवस्था पर शर्म आती है कि इस गाँव के मिडिल स्कूल में 61 बेटियां बिना अध्यापकों के शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। समझा जा सकता है कि इन बालिकाओं का भविष्य किस कदर सी शासनकाल में स्वर रहा है ? दूसरी तरफ इसी गाँव के प्राईमरी स्कूल में 211 बच्चों को पढाने के लिये करीब 4 अध्यापक थे. इनमें से तीन का 6 माह पहले तबादला कर दिया गया। इसकी वजह से यहाँ कार्यरत एक मात्र अध्यापक मीना कुमारी के पास मिडिल और प्राईमरी स्कूल के 272 बच्चों को पढाने की जिम्मेदारी आ गई.
एकलौती शिक्षिका मीना भी हुई सेवानिवृत्त
करीब आठ अध्यापकों की जगह एक अध्यापिका कैसे और किस प्रकार बच्चों को शिक्षा दे सकती है, यह सोच कर ही ंव्यवस्था के प्रति आम जनमानस में संदेह पैदा होउन लाजिमी है. बात यही तक होती तो खुद को ये बच्चे समझा लेते लेकिन यहाँ तैनात एक मात्र अध्यापिका मीना कुमारी भी अपने पद से सेवानिवृत हो गई. इसकी वजह से पूरे 21 दिन तक मिडिल और प्राईमरी स्कूल पर ताला लगा दिया गया। विचारनीय तःटी तो यह है कि मीना कुमारी के विदाई समारोह में खुद बीईओ भी मौजूद थे. जाहिर है उन्हें इस बात का पूरा पूरा इल्म था इस अध्यापिका के जाने के बाद इस स्कूल में कोई दूसरा शिक्षक नहीं है . हालाँकि गांव के लोगो ने तभी अध्यापक नियुक्त करने कि उनसे मांग भी कि थी। उसके बावजूद बच्चों के भविष्य की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने जाडौली और फलैंडी से एक-एक अध्यापक को डेपूटेशन पर नियुक्त करने के आदेश दिये हैं. अब बताया गया है कि बृहस्पतिवार को दोनों अध्यापकों ने ज्वाईन किया है।
फाइलों में अपग्रेड और धरातल पर शून्य
गांव जाडौली निवासी पूर्व सरपंंच उसमान खान ने बताया कि उनके गांव के गर्ल मिडिल स्कूल को अपग्रेड हुए पूरे 9 साल हो गये लेकिन उसमें अभी तक एक भी अध्यापक नियुक्त नहीं किया गया है। वहीं मिडिल और प्राईमरी स्कूल को देख रही एक मात्र अध्यापिका मीना कुमारी गत 30 नवंबर को रिटायर्ड हो गई थी उसके बाद कोई भी अध्यापक नहीं भेजे जाने की वजह से स्कूल पूरे 21 दिन बंद रहा है। बृहस्पतिवार को ही दो अध्यापकों ने डेपूटेशन पर ज्वाईन किया है।
बेटी पढाओ और बेटी बचाओ का नारा हुआ बेमानी
गांव के ही तारीफ, मुबारिक और न्याज मोहम्मद का कहना है कि वे गरीब आदमी हैं। गांव के आठ किलोमीटर दूर पुन्हाना में प्राईवेट स्कूलों में वे अपने बच्चों को पढा नहीं सकते। उन्होने सरकार से मांग की है कि उनके स्कूल में तुरंत अध्यापकों कि नियुक्त किया जाये। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने उनके गांव से अध्यापकों को तबादला तो कर दिया लेकिन नियुक्ति अभी तक किसी की नहीं की है। उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। एक तरफ तो सरकार बेटी पढाओ और बेटी बचाओ का नारा दे रहे है और पिछले 9 साल से उनकी बेटियों को पढाने के लिये एक भी स्थाई अध्यापक नियुक्त नहीं किया गया है। जिसकी वजह से सरकार का बेटी पढाओ का नारा एक ढकोसला साबित हो रहा है। उनका कहना है कि एक तरफ तो सरकार बच्चों को मिड-डे-मील के साथ-साथ दूध देने की बात करती है जबकि उनके बच्चों को मिड-डे-मील का राशन तक नसीब नहीं हो पा रहा हैं।
क्या कहते हैं बीईओ ?
पुन्हाना के बीईओ अबुल हुसैन का कहना है कि उन्होने गागडबास स्कूल से मुस्ताक अहमद और फलैंडी से वहीद खान को कई दिन पहले डेपूटेशन पर नियुक्त कर दिया है लेकिन उन्होने ज्वाईन आज ही किया है। उन्होने बताया कि अध्यापको की कमी के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
पिछले 21 दिन से नहीं है मिड-डे-मील ?
जाडौली प्राईमरी स्कूल में नियुक्त किये गये अध्यापक वहीं खान ने बताया कि उनको जानकारी और स्टोक से पता चला है कि मिड-डे-मील का स्कूल में कोई राशन नहीं है। जिसकी वजह से जब तक राशन नहीं आएगी बच्चों को राशन मिलना मुश्किल है।