बच्चों मे थकावट, बुखार, भूख न लगने की समस्या दिखाई दे तो अभिभावकों को कराना चाहिए उपचार
गुडग़ांव, 25 जून : कोरोना महामारी की 2 लहर देशवासी देखते हुए भुगत चुके हैं। दूसरी लहर ने तो सबकुछ बदलकर ही रख डाला। अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि संभावित कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं केंद्र व विभिन्न प्रदेश सरकारों ने अपने स्तर पर कर ली हैं। कोरोना की इस तीसरी लहर से बच्चों के प्रभावित होने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। इसको लेकर अभिभावक परेशान दिखाई दे रहे हैं।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने अभिभावकों को सलाह भी दी है कि बच्चे को 4-5 दिन तक बुखार होने, भूख न लगने, बच्चा थकावट महसूस करे और ऑक्सीजन स्तर 95 प्रतिशत से नीचे आ जाए तो बिना किसी देरी के बच्चे का चिकित्सकों से उपचार शुरु करा देना चाहिए। जानकारों का
कहना है कि कोरोना संक्रमण से बच्चों के बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही अभिभावकों को सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों को वृद्धजनों से दूर रखा जाना चाहिए। क्योंकि बिना लक्षण वाले बच्चे भी वृद्धजनों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। बच्चों को वायरस से बचाना एक बड़ी चुनौती है।
हर बच्चे की शारीरिक, मानसिक और रोग-प्रतिरोधक क्षमता अलग-अलग होती है। जानकारों का यह भी कहना है कि बच्चों में हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए। यदि बच्चा हाथ धोने को राजी नहीं होता है तो उसे उसकी रुचि की चीज देने का वायदा करें, जिससे बच्चे इसे अपनी आदत में शामिल कर सकें। बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर अवश्य दें और नियमित रुप
से चवनप्राश का सेवन भी कराएं। खाने में हरी सब्जियों का अधिक इस्तेमाल करें।
जानकारों का यह भी कहना है कि मोटापा, ह्रदय, फेंफड़े, डायबिटीज से पीडि़त बच्चों को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से सबसे अधिक खतरा हो सकता है। बच्चों को जो भी दवाएं दें, वे चिकित्सक की सलाह से ही दें। बच्चों में मास्क लगाने की अदालत भी डालें। 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को मास्क लगाना भी अनिवार्य है।
छोटे बच्चों को मास्क लगाया जाता है तो अभिभावकों को उन पर नजर रखनी होगी। जानकारों का यह भी कहना है कि कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें घर में ही रखें, बच्चों के साथ यात्रा करने से बचें, बच्चों को घर-परिवार व उनके दोस्तों से विडियो कॉल के माध्यम से ही संपर्क में रखें, बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, ताकि शरीर मजबूत हो सके और उनमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ सके। मजबूत शरीर ही कोरोना वायरस को मात दे सकता है।