नई दिल्ली : भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में विकसित “डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) देश भर में माल ढुलाई की आवाजाही तेजी से प्रदान करता है। भारतीय सेना ने सोमवार को डीएफसी की प्रभावकारिता को मान्य करते हुए न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा तक वाहनों और उपकरणों से भरी सैन्य गाड़ी को ले जाकर सफल परीक्षण किया ।
भारतीय सेना द्वारा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) और भारतीय रेलवे के साथ करीबी और समकालिक समन्वय से सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता में काफी वृद्धि होगी । ये परीक्षण राष्ट्रीय संसाधनों को अनुकूलित करने और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बाधारहित तालमेल की के लिए “हॉल ऑफ द नेशन एप्रोच” का हिस्सा थे ।
भारतीय सेना द्वारा डीएफसीसीआईएल और भारतीय रेलवे सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत से अब सशस्त्र बलों की तैनाती में डीएफसी और संबद्ध बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने में सहायता मिलेगी । रोल ऑन-रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सेवा पर रक्षा स्वामित्व वाले रोलिंग स्टॉक के कदम को मान्य करने के लिए मोबिलाइज़ेशन और परीक्षणों का समर्थन करने हेतु कुछ स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास को औपचारिक रूप दिया जा रहा है तथा तौर-तरीके विकसित किए जा रहे हैं ।
यह परीक्षण सशस्त्र बलों की अभियान सम्बंधी तत्परता को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस प्रक्रिया में पहला कदम है । यह पहल यह सुनिश्चित करने वाली प्रक्रियाओं का निर्धारण करेगी कि योजना के स्तर पर ही राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास में सैन्य आवश्यकताओं का आपसी मेलजोल हो ।