देशवासियों का इंतजार हुआ खत्म, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को डीसीजीआई ने दी मंजूरी, पीएम मोदी ने दी बधाई

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नई दिल्ली। भारत की 125 करोड़ आबादी के लिए यह सुखद खबर है की डीसीजीआई ने भारत में तैयार किए गए कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दो कंपनियों के अलग-अलग वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी। डीसीजीआई के महानिदेशक डॉक्टर जी सोमानी ने आज यह घोषणा नई दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में की। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सिरम इंस्टीट्यूट एवं आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे के सहयोग से तैयार किए गए दोनों वैक्सीन को अब तक के 3 फेज की ट्रायल में बेहद प्रभावी और सुरक्षित पाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को एक्सपर्ट कमेटी ने भी हरी झंडी दी है। सब्जेक्ट एक्सपोर्ट कमेटी ने वैक्सीन की मंज़ूरी के लिए डीसीजीआई को सिफ़ारिश भेजी थी। इस घोषणा के साथ ही अब देशवासियों के कोरोनावायरस से बचाव हेतु वैक्सीन के लिए अब इंतजार की घड़ी समाप्त हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के टीकों को भारत के औषध महानियंत्रक- डीसीजीआई की मंजूरी मिलने पर इसे वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ महत्वपूर्ण लड़ाई में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक निर्णायक मोड़ करार दिया है।

लगातार कई ट्वीट संदेशों में प्रधानमंत्री ने कहा,“एक महत्वपूर्ण लड़ाई में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए निर्णायक क्षण! @SerumInstIndia और @BharatBiotech के टीके को भारत के औषध महानियंत्रक-डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद स्वस्थ और कोरोना मुक्त राष्ट्र होने का रास्ता साफ हो गया है। भारत को बधाई। इस मुहिम में जुटे हमारे मेहनती वैज्ञानिकों और अन्वेषकों को बधाई।”

उन्होंने कहा कि “इस उपलब्धि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व होगा कि, जिन दो वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है, वे भारत में ही बनी हैं! यह सफलता आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की उत्सुकता को दर्शाता है, जिसके मूल में ही करुणा और सेवाभाव निहित हैं।” पीएम ने कहा कि “अनेक विपरीत परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए हम डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कार्यकर्ताओं और सभी कोरोना योद्धाओं के लिए बार-बार अपना आभार प्रकट करते हैं। हम कई लोगों की जान बचाने के लिए उनके प्रति हमेशा ऋणी रहेंगे।”

डीसीजीआई डॉ वी जी सोमानी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने 1 जनवरी और 2 जनवरी को कोरोना वैक्सीन के अब तक के अपडेट का विश्लेषण करने के लिए बैठक की। इस बैठक में सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा डेवलप किए गए वैक्सीन का विश्लेषण किया । साथ ही कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के थर्ड फेज ट्रायल पर भी चर्चा की गई। सभी कंपनियों ने अपने वैक्सिंन को लेकर किए गए ट्रायल का डाटा एक्सपर्ट कमिटी के सामने विस्तार से रखा। सिरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन के बारे में एक्सपर्ट कमिटी को बताया गया कि यह 37 सौ से अधिक लोगों पर ट्रायल करने के बाद 72.2 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। डीजीसीआई ने बताया कि इसका क्लीनिकल ट्रायल देश में आगे भी जारी रहेगा। भारत बायोटेक ने भी अपने डेवलप किए गए कोरोना वायरस वैक्सीन की जानकारी एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखी। इसका नाम कोवैक्सीन है जो आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे के साथ मिलकर तैयार किया गया है।


इस कंपनी ने भी अपने ट्रायल की शुरुआत जानवरों से की और प्रथम एवं द्वितीय चरण के ट्रायल 800 से अधिक लोगों पर किए गए । इसमें वैक्सीन के बेहद प्रभावी होने का परिणाम प्राप्त हुआ और पूरी तरह सुरक्षित पाया गया। इसके तीसरे चरण का ट्रायल भारत में लगभग 25 हजार से अधिक स्वयं सेवकों पर किया गया और इसे पूरी तरह सुरक्षित पाया गया।

सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने इस कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का विश्लेषण किया और आकस्मिक परिस्थिति में इसके प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति दी। इसके लिए एक्सपर्ट कमिटी ने कई प्रकार के नियम व शर्तों को पालन करना अनिवार्य किया है । साथ ही इसका और क्लिनिकल ट्रायल भी जारी रहेगा।


उन्होंने बताया कि कैडिला हेल्थकेयर ने भी एक कोरोना वायरस वैक्सीन डेवलप किया। इसमें डीएनए प्लेटफार्म का उपयोग किया गया है। इस कंपनी ने प्रथम और द्वितीय चरण के ट्रायल में 1000 से अधिक लोगों को शामिल किया जो अब भी जारी है। अब तक के प्राप्त अंतरिम डाटा से यह साबित हुआ है कि यह वैक्सीन भी प्रभावी और सुरक्षित है। इसमें तीन खुराक देने की बात निर्धारित है । इस कंपनी ने भी सब्जेक्ट एक्सपोर्ट समिति के सामने तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति का आवेदन किया जिसे समिति ने मंजूरी दे दी। इस चरण में यह कंपनी 26000 लोगों को ट्रायल में शामिल करेगी।


डीसीजीआई ने बताया कि सिरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन के ट्रायल के डाटा का भी समिति ने विश्लेषण किया और इन्हें आकस्मिक परिस्थिति में प्रतिबंधित नियमों के अनुसार उपयोग करने की अनुमति दी।

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