सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले का संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा : रीतिक वधवा

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…भारत की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर भाजपाइयों ने किया नमन

भिवानी, 3 जनवरी।  सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं । सावित्री बाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की अग्रदूत माना जाता है। 1852 में उन्होंने प्रथम विद्यालय की स्थापना की। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।

उक्त शब्द भाजपा नेता रीतिक वधवा एवं सुनील चौहान ने सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और  उन्हें शिक्षित बनाना था। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। सावित्रीबाई एक शिक्षण सुधारक और समाज सुधारक दोनों ही तरह का काम करती थी।

सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं. हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। उनका पूरा जीवन समाज में वंचित तबके खासकर महिलाओं और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता।सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। इस अवसर पर इमरान बापोड़ा , दीपक तंवर , अमित कुमार, डा. योगेश, राजेंद्र कुमार, महाबीर शर्मा, राजेश कुमार, राजीव शर्मा, विजय कुमार,  राजेश कुमार ,रमेश चौधरी , पंकज शर्मा  ने भी उनकी जयंती पर नमन किया।

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