Font Size
नई दिल्ली। देश के महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि शपथ लेने तक उन्हें इस बात कोई जानकारी नहीं थी कि राष्ट्रपति भवन किस तरह से कामकाज करता है। यहां तक कि कामकाज के बारे में जानकारी लेने के लिए उन्होंने अपनी बेटी को शपथ लेने से दो दिन पहले राष्ट्रपति भवन भेज था। एक बातचीत में उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति भवन में स्थित संग्रहालय दो अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इस संग्रहालय में ब्रिटिश काल की इस इमारत में दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शीर्ष अधिकारियों द्वारा दिए गए विशेष उपहारों के अलावा बहुमूल्य संग्रह की झलक मिल सकेगी। मुखर्जी ने दरबार हॉल, अशोक हॉल, बैंक्वेट हॉल समेत राष्ट्रपति भवन की भीतरी व्यवस्था का खाका खींचा। इन जगहों पर विभिन्न तरह के समारोह आयोजित किए जाते हैं। उनकी सबसे पसंदीदा जगह पुस्तकालय है।
राष्ट्रपति भवन में ब्रिटेन के वायसराय जिस क्षेत्र में ठहरते थे उसके बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने कहा, ‘यहां के पुस्तकालय में मौजूद किताबों की संख्या व विविधता को पढ़ने के लिए पांच नहीं बल्कि 15 साल भी कम पड़ेंगे।’ जाने-माने बंगाली लेखक प्रो. रंजन बनर्जी ने राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए ‘इन-रेजिडेंस’ कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति भवन में सात दिन गुजारे थे। मुखर्जी ने इसके लिए उनका शुक्रिया अदा किया। बातचीत के दौरान प्रो. बनर्जी भी मौजूद थे। मुखर्जी ने बताया कि जुलाई 1979 में वे पहली बार दिल्ली आए थे। तब वह राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेने यहां आए थे। राष्ट्रपति बनने से पहले 43 साल तक वे राष्ट्रपति भवन के करीब ही रहे। लेकिन राष्ट्रपति भवन कैसे काम करता है और इसके भीतर क्या-क्या है इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।
स्रोत : पीटीआई