सुभाष चंद्र चौधरी
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में देश में आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने इसमें केंद्र सरकार राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए एलटीसी के नए प्रावधान का ऐलान किया जबकि राज्य सरकारों को कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में अगले 50 वर्षों तक 12000 करोड़ रुपए इंटरेस्ट फ्री लोन देने का प्रावधान किया जबकि केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त 25 हजार करोड़ दिए जाएंगे। उन्होंने यात्रा अवकाश भत्ते की कैश वाउचर स्कीम लागू करने का भी प्रावधान किया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाएं :
किराए की जो पेमेंट होगी उस पर टैक्स नहीं लिया जाएगा।
यात्रा के दौरान जीएसटी वाले व्यापारी से ही सामान खरीदना होगा।
भुगतान डिजिटल करना होगा।
इससे 5675 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जिससे केंद्र सरकार के खाते में जीएसटी भी आएंगे।
अगर केंद्र सरकार के पीएसयू अपने कर्मचारियों को एलटीसी देते हैं तो उससे भी उन्नीस सौ करोड़ के खर्च का अनुमान है।
एलटीसी के लिए लिए जाने वाली टिकट को टैक्स की छूट दी जाती है।
अगर कोई सरकारी या फिर निजी संस्थान अपने कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा मुहैया कराती है तो उन्हें भी टैक्स का लाभ मिलेगा इससे लगभग 1000 करोड़ की जीएसटी आने की संभावना बनेगी।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार की सभी कर्मचारी और अधिकारी एलटीसी का उपयोग करते हैं तो लगभग 9000 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि इसमें राज्य सरकारों के कर्मचारी भी शामिल हैं क्योंकि कई राज्य सरकारों ने एलटीसी के लिए केवल अपने स्टेट में ही यात्रा करने की सीमा निर्धारित की है जबकि कई राज्यों ने इस प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की इस निर्देश को मानने वाले सभी प्रकार के सरकारी और निजी संस्थानों एवं पीएसयू स्टोर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इससे 28000 करोड़ के उपभोक्ता मांग पैदा हो सकती है जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
वित्त मंत्री ने स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम की भी चर्चा की। इसे सिक्स पे कमिशन में समाप्त कर दिया गया था। वर्तमान में सेवंथ पे कमिशन लागू है जिसमें इस प्रकार का प्रावधान नहीं है । इस स्कीम को एक बार के लिए दोबारा लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सभी प्रकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए लागू की जाएगी। इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार के सभी प्रकार के कर्मचारियों अधिकारियों को ₹10000 तक का स्पेशल फेस्टिवल एडवांस दिया जा सकेगा जिसकी अदायगी व्यक्ति अगले 10 स्टॉलमेंट में कर पाएंगे।
यह स्पेशल फेस्टिवल एडवांस प्रीपेड रुपे कार्ड के रूप में सभी को दिया जाएगा जो 31 मार्च 2021 तक वैध रहेगा। इन पैसों का खर्च वह किसी भी प्रकार की भुगतान के लिए कर सकता है इसमें जीएसटी वाले व्यापारियों से सामान लेने की बाध्यता नहीं रहेगी और ना ही किसी प्रकार के फेस्टिवल की बाध्यता। किस राशि पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने भी इस स्कीम को लागू कर देती हैं तो लगभग 8000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा क्योंकि आठ हजार करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग उत्पन्न होगी। इसमें केंद्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों अधिकारियों को लगभग 4000 करोड़ रूपए की राशि जारी की जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकार इसे पूरी तरह नहीं भी लागू करें केवल 50% राशि ही अगर जारी करती है तब भी लगभग आठ हजार करोड़ के अतिरिक्त गुप्ता डिमांड उत्पन्न होने की संभावना बनेगी।
इससे कर राजस्व में वृद्धि होगी और डिजिटल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त मंत्री ने स्टेट और सेंटर के कैपिटल एक्सपेंडिचर की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकारें आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में पैसे खर्च करती है जिससे जीडीपी को मजबूती मिलती है। इससे भविष्य में भी जीडीपी प्रोत्साहित होती है।
वित्त मंत्री ने अगले 50 साल के लिए राज्य सरकारों को कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में 12000 करोड़ रुपए इंटरेस्ट फ्री मुहैया कराने की घोषणा की।
उन्होंने इस मद में 25 सौ करोड़ रुपए पूर्वोत्तर राज्यों जिनमें उत्तराखंड भी शामिल है तू मोहिया कराने की घोषणा की जिनमें से 16 सौ करोड़ पूर्वोत्तर राज्यों को जब 900 करोड रुपए उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा। सभी पूर्वोत्तर राज्यों को 200 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस मद में मेरी राशि को सभी राज्यों को 31 मार्च 2021 तक खर्च करने का प्रावधान करना होगा।
अन्य सभी राज्यों के लिए 7500 करोड़ रुपए जारी करने की घोषणा की। यह राशि उन्हें फाइनेंस कमिशन के नियमों के अनुसार निर्धारित शेयर में दिए जाएंगे।
यह राशि सभी राज्यों को कर्ज लेने की सीमा के अलावा दिए जाएंगे।
उन्होंने जो हजार करोड़ रुपये उन राज्यों के लिए मुहैया कराने की घोषणा की जिन्होंने 4 में से कम से कम तीन रिफॉर्म्स आत्मनिर्भर योजना के तहत किए हैं।
केंद्र सरकार के लिए बजट वृद्धि प्रावधान की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि इस मद में रोड, डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर ,वाटर सप्लाई, अर्बन डेवलपमेंट और भारत में निर्माण होने वाले उत्पादों की दृष्टि से 25000 करोड़ रुपए कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे।
यह राशि आने वाले समय में पुनरीक्षण के बाद मोरिया कराई जाएगी।
वित्त मंत्री ने 36000 करोड़ के अतिरिक्त उपभोक्ता डिमांड उत्पन्न होने की चर्चा करते हुए कहा कि 28 हजार करोड़ रुपये एलटीसी वाउचर स्कीम के तहत जबकि आठ हजार करोड़ फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत उपभोक्ता मांग क्रिएट होंगे
उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के द्वारा अगर एलटीसी मद में खर्च किए गए तो इससे 28,000 करोड़ की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग उत्पन्न होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के मध्य में केंद्र और राज्य सरकारों को जारी होने वाली राशि से 37000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
उन्होंने कहा कि एलपीसी और कैपिटल एक्सपेंडिचर के मध्य को देखते हुए कुल 73000 करो रुपए जारी होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इससे कुल अतिरिक्त डिमांड एक लाख करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं को करने के दौरान केंद्र सरकार ने इस बात का भी पूरा ख्याल रखा कि इससे महंगाई चरम पर नहीं पहुंचे जिससे आम उपभोक्ता दबाव में नहीं आएंगे।