◆ तृतीय व चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा का प्रदर्शन
एक अक्तूबर के बाद आन्दोलन तेज करने की धमकी दी
◆ 500 से ज्यादा कर्मचारियों को कर दिया है नौकरी से बर्खास्त
गुरुग्राम : गुरुग्राम में नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के माध्यम से नौकरी से निकाले गए तृतीय /चतुर्थी श्रेणी के 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने नगर निगम गुरुग्राम व हरियाणा सरकार के खिलाफ धरना दिया व निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. नगर पालिका संघ ने हरियाणा की सरकार से नियमों को टाक पर रख कर बर्खास्त किये गए सभी कर्मचारियों को वापिस नौकरी पर लेने की मांग की. बर्खास्त कर्मियों ने सभी को रेगुलर करने और निगम रोल पर लेने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया. इसके साथ ही कुछ अन्य समस्याएं जो लंबे समय से लंबित हैं उन्हें भी जल्द से जल्द सुलझाने पर बल दिया. संघ के नेताओं ने मांग पर अमल के लिए एक अक्तूबर का अल्टीमेटम दिया है अन्यथा आन्दोलन तेज करने की चेतावनी दी.
इस मौके पर नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के सभी पदाधिकारी व आउट सोर्स के कर्मचारी मौजूद थे . सभी अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगा रहे थे. नगर पालिका कर्मचारी ने अपनी मांग निगम कमिश्नर गुरुग्राम विनय प्रताप सिंह के समक्ष राखी. इससे पहले वे सभी डीसी गुरुग्राम अमित खत्री के पास भी अपनी गुहार लेकर गए थे. डीसी ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले में निगम कमिश्नर से बात करेंगे परंतु अभी तक किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल पाई है।
नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा ने आज अपनी मांगों को लेकर एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर गुरुग्राम श्री विश्नोई को ज्ञापन सौंपा. संघ के नेताओं ने उनसे ज्ञापन पर की गई कार्रवाई के सम्बन्ध में 1 अक्टूबर 2020 तक संघ को अवगत कराने की भी मांग की. उनका कहना था कि अगर निगम प्रशासन ने उनकी मांगों पर तवज्जों नहीं दी तो मजबूरन इस शांतिपूर्ण आंदोलन को तेज करना पड़ेगा और इसके लिए निगम प्रशासन जिम्मेदार होगा. अपनी आजीविका के लिए नगर पालिका कर्मी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.
इस मौके पर नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान राजेश सारवान ने कहा कि बीते समय में भी कई बार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. इसके लिए हम समय-समय पर अपने हक की लड़ाई लड़ते आए हैं. बहुत से कर्मचारी ऐसे भी हैं जोकि आंदोलन व हड़ताल कर ठेकेदारी प्रथा से डायरेक्ट निगम रोल पर आए हैं. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को भी हम दृढ़ निश्चय और पूरी मेहनत के साथ आगे लेकर जाएंगे और सभी साथियों को उनका हक़ दिलवाएंगे.
पूर्व प्रधान नरेश मलकट ने कहा कि यह सभी वही कर्मचारी हैं जो कोरोना काल जैसी महामारी में भी दिन रात काम करते आ रहे थे. इन्होने अपने जीवन को दाव पर लगा कर जनहित में ना कोई दिन देखा ना कोई रात बस सेवा में लगे रहे. आज जब जरूरत खत्म होती दिखाई दी तो कर्मचारियों को हटाने के लिए लिस्ट बना दी गई. इसके लिए निगम प्रशासन ने ना तो किसी का कोई ट्रेक रिकॉर्ड चेक करवाया गया ना अटेंडेंस चेक करवाई गई न क्वालिफिकेशन चेक करवाई गई. यहाँ तक कि किसी प्रकार का कोई टेस्ट भी नहीं लिया गया और न ही कोई नोटिस दिया गया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार व जिला प्रशासन नगर निगम गुरुग्राम से पुरजोर मांग है कि निकाले गए सभी कर्मचारियों को उनकी नौकरी पर वापस लिया जाए।