एमईएससी के वर्चुअल विद्यादान कार्निवाल में कौशल आधारित शिक्षा पर जोर
गुरुग्राम:- मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल द्वारा आयोजित वर्चुअल विद्यादान कार्निवल के श्रृंखला की कड़ी में ‘उच्च शिक्षा में कौशल आधारित शिक्षा का महत्व’ पर चर्चा की गई।
इस आयोजन की शुरुआत अमरेश चक्रवर्ती (निदेशक, एसआरएफटीआई) द्वारा एक विशेष सत्र के साथ हुई, जिसमें विश्वभारत शान्तिनिकेतन द्वारा विकसित कार्बनिक पैटर्न और प्रौद्योगिकी के बारे में बताया गया। उन्होंने बताया कि साहित्य, कविता, शिक्षा सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं । उन्होंने सिनेमा को वृहद बताया। इस मौके पर कई विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, अकादमिक हेड, डीन और इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल हुए।
बतौर वक्ता मौजूद श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राज नेहरू ने कहा कि नई शिक्षा नीति अनुभवी मॉडल पर आधारित है। इससे युवाओं के हाथों में कौशल होगा। इससे यूनिवर्सिटी को अपने स्तर पर नए प्रोग्राम और कोर्स डिजाइन करने में मदद मिलेगी। ऑक्यूपेशनल स्टैंडर्ड के तहत उनकी योग्यता निखारी जा सकेगी।
वहीं, गुरु जंबेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर टंकेश्वर कुमार ने कहा कि अब छात्रों के अकादमिक से आगे बढ़कर सोचने का समय आ गया है। शिक्षा अब नेतृत्व करने की क्षमता के साथ उद्यमी पैदा करने की क्षमता रखती है।
सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के वरिष्ठ संयुक्त सचिव व एमईएससी गर्वनिंग बॉडी के सदस्य व अभिनेता अमित बहल ने मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की स्थिति और आवश्यकता के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे यहां शिक्षित पेशेवरों की कमी है क्योंकि शैक्षिक संस्थानों और उद्योग के बीच संबंध नहीं है। पढ़ाई के साथ ऑनजॉब ट्रेनिंग की बात कही। उन्होंने कहा कि मीडिया एंड एंटरटेनमेंट में एआई/वीआई के आने की वजह से क्रांति आएगी और इससे लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
वहीं, अपैरल मेडअप्स एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ और डीजी डॉ. रूपक वशिष्ठ ने डिग्री कोर्स के साथ हुनरमंद बनाने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स पर जोर दिया।
वक्ताओं ने कौशल विकास को जरूरी बताया और विद्यार्थियों के लिए भविष्य के तकनीक के साथ ग्लोबल स्तर पर हो रहे बदलाव को लेकर सचेत रहने की सलाह दी।
इस मौके पर शोभित यूनिवर्सिटी के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र, पेरियाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. प कोलांदाविल, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के एग्जीक्यूटिव डीन डॉ. संजय मोदी, अशोका यूनिवर्सिटी के सीनियर डायरेक्टर (अकादमिक अफेयर्स), एनडीआईएम के चेयरमैन विश्व मोहन बंसल, वंदना नारंग (डीन, निफ्ट), पद्मा रानी (निदेशक मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन) आदि मौजूद थे।