पीएम मोदी ने पशुपालकों के लिए किया ई-गोपाला ऐप लांच

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नई दिल्ली/पटना : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पशुपालन से जुड़े किसानों और मत्स्य पालकों को बड़ी सौगात दी. उन्होंने एक तरफ पशुपालकों के लिए ई गोपाला e-GOPALA ऐप का शुभारंभ किया जबकि दूसरी तरफ पीएम मतस्य सम्पदा योजना भी शुरू की. साथ ही बिहार सहित अन्य राज्यों के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग सहित कई और परियोजनाओं को लांच किया.

इस अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब पशुपालन क्षेत्र को मिलेगा डिजिटल तकनीक का लाभ. अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे।  यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान. उन्होंने कहा कि ई- गोपाला app एक ऐसा digital माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी,  उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ये app पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा. उन्होंने कहा कि पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही ज़रूरी होती है। इसके लिए भी बीते सालों से निरंतर टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।  इसी कड़ी में आज ‘ई-गोपाला’ app शुरु किया गया है.

मतस्य सम्पदा योजना की शुरुआत करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की दिशा में पीएम मत्स्य सम्पदा योजना का शुभारंभ किया गया ।देश के हर हिस्से में, समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को, ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आज़ादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है.

श्री मोदी ने कहा कि बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण  मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।  इसमें से आज 1700 करोड़ रुपए का काम शुरु हो रहा है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं के सहारे कोशिश ये है कि अब इस सदी में Blue Revolution यानि मछली पालन से जुड़े काम, White Revolution यानि डेयरी से जुड़े काम, Sweet Revolution यानि शहद उत्पादन, हमारे गांवों को और समृद्ध करे, सशक्त करे.

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