नई दिल्ली : केंद्र सरकार और राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों ने देश में कोविड-19 महामारी का प्रबंधन प्रभावी रूप से करने की दिशा में एक संयुक्त समन्वित प्रयास किया है। समन्वित प्रयासों के एक हिस्से के रूप में, केंद्र सरकार ने परीक्षण बढ़ाने, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये लोग का तेजी से पता लगाना और मामलों का समय पर नैदानिक प्रबंधन करने पर बल दिया है। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को अपनी परीक्षण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करने में सहायता प्रदान की गई है। इससे देश में कोरोना की पॉजिटिव दर में कमी आई है। वर्तमान में राष्ट्रीय पॉजिटिव दर 6.73 प्रतिशत है।
5 जुलाई 2020 तक, राष्ट्रीय औसत से कम पॉजिटिव दर और राष्ट्रीय औसत से प्रति मिलियन ज्यादा परीक्षण करने वाले राज्य हैं:
क्रम सं. | राज्य | पॉजिटिव दर | प्रति मिलियन परीक्षण |
1 | भारत (राष्ट्रीय) | 6.73 | 6,859 |
2 | पुडुचेरी | 5.55 | 12,592 |
3 | चंडीगढ़ | 4.36 | 9,090 |
4 | असम | 2.84 | 9,987 |
5 | त्रिपुरा | 2.72 | 10,941 |
6 | कर्नाटक | 2.64 | 9,803 |
7 | राजस्थान | 2.51 | 10,445 |
8 | गोआ | 2.5 | 44,129 |
9 | पंजाब | 1.92 | 10,257 |
राजधानी दिल्ली में, केंद्र शासित प्रदेश की सरकार द्वारा परीक्षण में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को केंद्र सरकार द्वारा बहुत मजबूती प्रदान की गई है। आरटी-पीसीआर परीक्षण के साथ-साथ नए रैपिड एंटीजन पॉइंट-ऑफ-केयर (पीओसी) परीक्षण, जो केवल 30 मिनट में परिणाम देते हैं, के माध्यम से परीक्षणों में बढ़ोत्तरी की गई है।
प्रतिदिन परीक्षण किए जा रहे नमूनों की औसत संख्या जो कि 1-5 जून, 2020 तक केवल 5,481 थी उसमें भारी बढ़ोत्तरी देखी गई है और यह 1-5 जुलाई, 2020 के बीच प्रतिदिन औसतन 18,766 नमूनों के परीक्षण तक पहुंच गई है। यद्यपि दिल्ली में परीक्षण में काफी बढ़ोतरी हुई है, इससे पिछले तीन सप्ताहों में पॉजिटिव दर में लगभग 30% से 10% तक की भारी कमी देखने को मिली है।