नई दिल्ली । देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिसन एमपी के साथ पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं। और यह गहराई हमारे साझा वैल्यू, साझा इंटरेस्ट, ज्योग्राफी और साख सब्जेक्टिव से और अधिक मजबूत होती है। विश्व के हित में दोनों देशों को मिलकर काम करने पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन तब आयोजित किया जा रहा है जब भारत और चीन के बीच में सीमा विवाद को लेकर तनाव व्याप्त है जबकि दूसरी तरफ अमेरिका ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन की तनातनी चल रही है। हिंद महासागर में कब्जा करने को लेकर ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और चीन के बीच में विवाद काफी गहरा गया है दोनों ही तरफ से अपने युद्धपोत तैनात किए गए हैं ऐसे में भारत को ऑस्ट्रेलिया का साथ मिलने से भारत की स्थिति वहां और मजबूत हो सकती है।
माना जा रहा है कि इस शिखर सम्मेलन के बाद ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर के पास अपने आइसलैंड को भारत के रक्षा तमक रणनीतिक उपयोग के लिए अनुमति दे सकता है और इससे भारत को अपने हिंद महासागर क्षेत्र पर नजर रखने में और आधिपत्य बनाए रखने में मजबूती मिल सकती है।
पीएम मोदी ने सबसे पहले अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में COVID-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने विश्व में हर प्रकार की व्यवस्था को प्रभावित किया है। और हमारे सम्मेलन का यह डिजिटल स्वरूप इसी प्रकार के प्रभावों का एक उदाहरण है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक स्थायित्व देने वाले विषय बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक अच्छाई के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इंडो पेसिफिक क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।
प्रधान मंत्री मोदी ने बल देते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी एक दूसरे के पूरक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership )की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक सहयोगात्मक और परस्पर निर्भरता वाले तरीके ( coordinated और collaborative approach) की आवश्यकता है।
श्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने इस परेशानी भरे समय को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय लिया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और ख़ास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूँ।