गुरुग्राम। गुरुग्राम में कोविड-19 वायरस संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के कारण अब जन सामान्य के साथ-साथ डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और पुलिसकर्मियों व पुलिस अधिकारियों पर भी संक्रमण के खतरे मंडराने लगे हैं। इससे बचने के लिए नीति आयोग और आईसीएमआर की ओर से कोरोनावायरस को एक तरफ हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन का सेवन डॉक्टरों की देखरेख में करने की अनुमति दी गई है जबकि दूसरी तरफ आयुष मंत्रालय की ओर से होम्योपैथिक दवाई असैनिक एल्बम 30 भी दिए जा रहे हैं । इस दृष्टि से सदर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर नवीन कुमार नेवी अपने थाने के सभी पुलिसकर्मियों को आर्सेनिक एल्बम 30 के किट मुहैया कराए। कोरोनावायरस को होम्योपैथिक दवाई उपलब्ध करवाने का यह अभियान आयुष विभाग की पहल पर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से जोरों पर चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह में गुरुग्राम में भी 12 पुलिसकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस अधिकारी या फिर पुलिस कर्मी जैसे कोरोना वारियर्स में संक्रमण की आशंका को समाप्त करने की दृष्टि से अब उन्हें होम्योपैथिक दवाई का सेवन करने को कहा जा रहा है । पुलिस कर्मियों में रोग के प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करने के लिए आयुष विभाग की ओर से आर्सेनिक एल्बम 30 का सेवन नियमित तौर पर करने को कहा गया है। हालांकि इसके साथ साथ आयुष विभाग ने अपने सुझाव में आयुर्वेदिक तौर तरीके एवं अन्य उपाय भी अपनाने की सलाह दी है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि आर्सेनिक एल्बम 30 के नियमित सेवन से शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है और किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा न्यूनतम हो जाता है।
इसी दृष्टि से जिला के सभी थाने में पुलिसकर्मियों व पुलिस अधिकारियों को भी होम्योपैथिक दवाई आर सैनिक एल्बम 30 वितरित की जा रही है। सदर थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने भी अपने सभी मुलाजिमों को यह दवाई उपलब्ध करवाई और आयुष विभाग द्वारा बताए गए उपाय का अनुपालन करने को कहा। इंस्पेक्टर नवीन ने बताया कि थाने के सभी पुलिसकर्मी पिछले 2 माह से भी से भी अधिक समय से 24 घंटे लगातार ड्यूटी पर तैनात हैं । उन्होंने कहा कि उनके पुलिस स्टेशन के सभी मुलाजिम अपने अपने क्षेत्र के कंटेनमेंट जॉन से लेकर सभी सेक्टरों व कालोनियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
उनका कहना है कि कंटेनमेंट जोन की देखरेख बेहद संवेदनशील मुद्दा होता है और जनहित के लिए हम सभी सदा समर्पित रहते हैं और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन का पूर्णतया पालन कराने को तत्पर रहते हैं। जन सामान्य के साथ डीलिंग में संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। उनके अनुसार कई बार ऐसी भी स्थिति सामने आती है जब गलियों या सड़क पर निकलने वाले व्यक्ति स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों का अनुपालन करते नहीं दिखते यहां तक कि लोग बिना मास्क के सड़कों पर आवाजाही करते हैं तब उन्हें समझाने और रोकने के क्रम में भी पुलिस अधिकारियों व पुलिस कर्मियों के संक्रमित होने की प्रबल आशंका रहती है।
उनका कहना है कि कोरोना वायरस के साथ जीने मरने की यह लड़ाई लंबी चलने की आशंका है और इसमें हम पुलिस अधिकारियों वह पुलिसकर्मियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें वर्तमान परिस्थिति में रोग से लड़ने की क्षमता भी स्वयं में मजबूत बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सदर थाना के सभी मुलाजिम बेहद सतर्क और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहे इसलिए उन्हें लगातार आयुष विभाग द्वारा सुझाए गए सभी उपायों की जानकारी नियमित तौर पर दी जाती है। ड्यूटी के दौरान जनहित को सर्वोपरि रखते हुए स्वयं के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी किस प्रकार करनी है इसके लिए भी उन्हें सदैव जागरूक किया जा रहा है। सभी मुलाजिमों की नियमित ब्रीफिंग की जाती है और उन्हें अलग अलग कालोनियों व क्षेत्रों की निर्धारित ड्यूटी के अनुसार भी सावधानी बरतने का निर्देश दिया जाता है।
आयुष विभाग की ओर से उपलब्ध कराए गए होम्योपैथिक दवाई आर्सेनिक एल्बम थर्टी के किट थाने के सभी मुलाजिमों को दिए गए और इसके निर्धारित सेवन के तौर-तरीके भी समझाएं गए। उनका कहना है कि यह वास्तव में बहुत सटीक इम्यूनिटी बूस्टर साबित हो रहा है और उम्मीद है कि हमारे सभी मुलाजिम स्वस्थ एवं सुरक्षित रह कर सदर थाना क्षेत्र के लोगों की सेवा में सदैव तत्पर रहेंगे।