सुभाष चंद्र चौधरी
गुरुग्राम । गुरुग्राम में आज रिकॉर्ड तोड़ने वाली संख्या में पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमित लोग सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के अनुसार गुरुग्राम में आज 115 पॉजिटिव व्यक्ति मिले हैं। यह अब तक का 1 दिन में सर्वाधिक पॉजिटिव मामला है। इस घटना ने शहर के लोगों के माथे पर बल ला दिया है जबकि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की नाकामी का खुलासा कर दिया है। इसके साथ ही अब ग्राम में पॉजिटिव व्यक्तियों की कुल संख्या 520 हो गई है जबकि यहां रिकवर करने वाले 255 लोग हैं।
स्वास्थ विभाग हरियाणा की ओर से जारी आज कोविड-19 वायरस संक्रमित व्यक्तियों की रिपोर्ट गुरुग्राम के लोगों के लिए अब बेहद चिंता पैदा करने वाली है। पिछले 2 माह से भी अधिक समय से देशव्यापी लॉक डाउन को झेल रहे गुरुग्राम के लोग अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े करने लगे हैं कि आखिर उनकी व्यवस्था क्यों इतनी कमजोर रही। लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर पिछले 1 माह से भी अधिक समय से दिल्ली गुड़गांव बॉर्डर को सील करने के बावजूद गुरुग्राम जिला में कोरोनावायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या अचानक बेतहाशा क्यों बढ़ने लगी है। अगर दिल्ली से ही संक्रमित लोग यहां आ रही थी तो फिर बॉर्डर सील करने का असर क्यों नहीं दिखा और अब तो गुरुग्राम की शायद ही कोई ऐसी कॉलोनी या सेक्टर या फिर औद्योगिक क्षेत्र है जहां संक्रमित व्यक्ति नहीं मिल रहे हो।
पिछले 3 सप्ताह से शायद कोई ऐसा दिन रहा जब गुरुग्राम में कम से कम एक दर्जन व्यक्ति संक्रमित होने की खबर नहीं आई हो। लगभग 4 दिनों से लगातार यह संख्या 20:00 के आस-पास रही जबकि मंगलवार को 33 व्यक्ति बुधवार को 20 व्यक्ति संक्रमित मिले और गुरुवार को 68 लोगों के संक्रमित होने की सूचना सामने आई थी। और आज तो और आज तो अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट गए जब स्वास्थ विभाग के मुख्यालय चंडीगढ़ से जारी रिपोर्ट में गुरुग्राम से 115 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई।
ऐसा लगता है यहां प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नाकामी का खामियाजा अब इस शहर को भुगतना पड़ेगा जबकि पुलिस की निष्क्रियता के कारण जन सामान्य में फैल रहा कोविड-19 संक्रमण अब इस शहर के प्रत्येक कॉलोनी और सेक्टर में रहने वाले लोगों के हर दरवाजे पर दस्तक देने की स्थिति में आने लगा है।
मजे की बात तो यह है कि गुरुग्राम जिला के सीएमओ अब पिछले कई दिनों से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के मध्य नजर अपनी नाकामी छिपाने के लिए दैनिक मीडिया बुलेटिन भी जारी करने से परहेज करने लगे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय चंडीगढ़ को उनकी ओर से गुरुग्राम जिले में संक्रमित पाए गए व्यक्तियों का अपडेट तो भेज दिया जाता है लेकिन जिले की मीडिया को रिपोर्ट देने से कतराते हैं और उनकी कोशिश रहती है कि संक्रमित व्यक्तियों के बारे में डिटेल जानकारी आधी रात को जारी की जाए जिससे कि अखबारों में या इलेक्ट्रॉनिक चैनलों पर समय से प्रकाशित नहीं हो पाए।
गुरुवार को भी जिले के सीएमओ की ओर से यही स्थिति उत्पन्न की गई और 11:00 बजे के बाद संक्रमित व्यक्तियों की डिटेल जारी की गई। यही नहीं अब तो स्वास्थ्य विभाग संक्रमित पाए गए स्थानों गलियों एवं आवासीय कालोनियों व स्पेक्टरों को कंटेनमेंट जोन घोषित करने में भी कोताही बरतने लगा है। तार्किक तौर पर समितियों की रिपोर्ट आज आने के तत्काल बाद ही स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन को कंटेनमेंट एरिया को भी अधिसूचित करना चाहिए लेकिन जिला उपायुक्त की ओर से कंटेनमेंट एरिया संबंधित नोटिफिकेशन जारी होने में 7 से 10 दिन लग जाते हैं और तब तक संक्रमण बखूबी फैलता रहता है और संक्रमित व्यक्ति एवं उस परिवार के लोग बेखौफ इस शहर में घूमते रहते हैं।
ऐसा लगता है या शहर अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सारे नहीं बल्कि भगवान भरोसे हो गया है। केवल बॉर्डर पर शक्ति दिखाकर और रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों को टाटा बाय बाय कर उनके साथ केक काटकर और चॉकलेट और टॉफी बात कर वाहवाही लूटने में व्यस्त गुरुग्राम जिला का प्रशासनिक अमला अब संक्रमण के प्रति संवेदनहीन हुआ लगता है। यहां केवल कागजों में दावे प्रति दावे किए जा रहे हैं धरातल पर कुछ नहीं दिखता व्यवस्था नाम की कोई चीज यहां नहीं देखती केवल मीडिया में बयान जारी कर वाहवाही लूटने का धंधा जोरों पर है।
जिला प्रशासन इस बात की भी जहमत उठाने की कोशिश नहीं करता कि 2 माह में लॉक डाउन की क्या उपलब्धि रही और कहां काम रही किसे दुरूस्त करने की आवश्यकता है किस प्रकार से सुधार करने की जरूरत है इस मुद्दे को लेकर मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी जाए। भला हो जिले में तैनात लोक संपर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का जो स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों से छन कर आने वाली सूचनाओं को संकलित कर सरकारी विज्ञप्ति या मीडिया तक समय से पहुंचा देते हैं। हालत यह है की लोग ट्विटर पर जानकारी दें या फेसबुक पर या फिर ईमेल करें कोई रिस्पांस करने वाला नहीं है।
केवल वाह वाही लूटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से रोज 12 अस्पतालों को नोटिस भेजकर लोगों में यह संदेश देने की कोशिश की जाती है कि प्रशासन सख्त है और जिले की जनता का हित उनके हाथों में सुरक्षित है लेकिन वास्तविकता अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है और उनका नक्कारा पन अब स्वास्थ विभाग की आने वाली सूचियों में साफ-साफ दिखने लगा है।
विचारणीय तथ्य है कि हरियाणा के स्वास्थ विभाग के मुख्यालय चंडीगढ़ से कोविड-19 संक्रमण की दैनिक रिपोर्ट समय से जारी हो जाती है क्योंकि उन पर केंद्र सरकार के निर्देश की तलवार लटकी हुई है लेकिन जिले के सीएमओ और जिला प्रशासन पर उसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। चंडीगढ़ मुख्यालय से समय पर सूची जारी हो जाती है लेकिन गुरुग्राम जिला की सीएमओ साहब बहुत व्यस्त हैं इन पर पूरे जिले की 2000000 जनता के स्वास्थ्य का भार इस कदर पड़ा हुआ है कि इन्हें इतने महत्वपूर्ण सूचना मीडिया के साथ साझा करने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और इसीलिए वह देर रात इस सूची को जारी कर पाते हैं।
दुखद स्थिति यह है कि इस मामले में जिला प्रशासन कोई संज्ञान नहीं ले रहा लोग लगातार कंटेनमेंट जोन में सख्त प्रतिबंध लगाने को लेकर फोन करते रहते हैं ई-मेल से शिकायतें करते हैं और अपनी मांग को यत्र तत्र उठाते रहते हैं लेकिन प्रशासन संवेदनशील नहीं दिखता और पुलिस कहती है कि हमें कंटेनमेंट जोन में क्या कदम उठाने हैं इसकी प्रशासनिक जानकारी नहीं दी गई है।
कुल मिलाकर हालात बद से बदतर होने की ओर बढ़ रहे हैं और स्वास्थ विभाग अपेक्षाकृत निष्क्रिय होता चला जा रहा है। शहर के बड़े या मध्यम दर्जे के निजी अस्पताल कोविड-19 संक्रमित मरीजों को अपने यहां भर्ती करने या इलाज के लिए आने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इक्का-दुक्का लोग जो जिला प्रशासन तक पहुंच पाते हैं उनकी शिकायतों को आधार बनाकर अभी तक केवल 3 निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर प्रशासनिक औपचारिकता निभा ली गई है और जनता को छद्म आश्वासन देकर इस भुलावे में रखा गया है कि यहां सब कुछ ठीक चल रहा है।
बहरहाल आज शहर के लोगों पर 115 लोगों के संक्रमित होने की खबर का पहाड़ तो टूट चुका है अब आगे आने वाला समय कितना दुर्भाग्यपूर्ण होगा यह तो अब ईश्वर ही बताएंगे।