सुभाष चन्द्र चौधरी
गुरुग्राम: हरियाणा ही नहीं देश के उद्योग जगत के लिए यह बड़ी खबर है की ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड गुड़गांव और मानेसर दोनों ही यूनिट में आगामी 12 मई से अपना प्रोडक्शन पुनः शुरू करने जा रही है. देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान पिछले 20 अप्रैल से ही जारी जद्दोजहद के बीच अंततः वह घड़ी आ गई जब एक बार फिर गुरुग्राम में कार उत्पादन शुरू होगा. कंपनी प्रबंधन ने अपने श्रमिकों को संकेत दिया है की उद्योग विहार स्थित इकाई में 12 मई से अपने सभी मॉडल का उत्पादन शुरू करेगी जबकि मानेसर यूनिट के तीनों प्लांट में यहां बनने वाली सभी मॉडल्स का उत्पादन क्रमशः 12 मई, 14 मई और 18 मई से शुरू करने का शेडूल तैयार किया है. साथ ही कंपनी ने अपने एस एम जी प्लांट में बलेनो और स्विफ्ट मॉडल का उत्पादन भी 18 मई से ही आरंभ करने का निर्णय लिया है.
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गत 23 अप्रैल को घोषित देशव्यापी लॉक डाउन के कारण औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह ठप पढ़ा था. लगभग 2 माह से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि लॉक डाउन के दूसरे फेज में ही औद्योगिक इकाइयों को काम शुरू करने की अनुमति दे दी जाएगी. इस लिहाज से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में गत 20 अप्रैल से कुछ बड़े शहरों में लॉक डाउन में छूट देते हुए औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियां पुनः संचालित करने का संकेत दिया था. इस आलोक में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन जारी भी हुई लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में आशा के अनुरूप नियंत्रण नहीं हो पाने के कारण स्थितियां हर दिन बदलती रही. इस बीच उद्योग जगत में काम करने वाले श्रमिक भी बड़े पैमाने पर अपने गृह राज्य की ओर पलायन करने लगे थे.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से श्रमिकों को उन्हीं शहरों में रोकने की भरपूर कोशिश हुई जहां वह पहले से कार्यरत थे. लेकिन श्रमिकों की संख्या को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश के निवासियों को वापस लाने का निर्णय किया और अंततः केंद्र सरकार ने भी इसकी अनुमति दे दी. पिछले 2 सप्ताह से अलग-अलग राज्यों से लगभग 70 ट्रेन प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए रवाना भी हुई. बताया जाता है कि अब तक 850,00 से अधिक श्रमिक दिल्ली एनसीआर और अन्य राज्यों से अपने अपने गृह जिले में पहुंचाए जा चुके हैं.
इस बीच हरियाणा में देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने मानेसर यूनिट में उत्पादन शुरू करने की अनुमति के लिए जिला प्रशासन गुरुग्राम के समक्ष आवेदन किया. कंपनी ने लगभग 5000 श्रमिकों के साथ उत्पादन शुरू करने की अनुमति मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने संक्रमण की स्थिति को देखते हुए केवल 600 श्रमिकों के साथ एक शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी. कंपनी प्रबंधन इतने कम मजदूरों के साथ उत्पादन शुरू करने को तैयार नहीं हुआ और केबल मानेसर यूनिट का मेंटेनेंस का काम करने का निर्णय लिया.दूसरी तरफ मारुति सुजुकी को विभिन्न प्रकार के पार्ट्स सप्लाई करने वाली वेंडर्स कंपनियों को काम शुरू करने की अनुमति नहीं मिली थी जिससे कार का उत्पादन शुरू करना संभव नहीं था.
लॉक डाउन के तीसरे चरण की घोषणा होने के बाद केंद्र सरकार ने उद्योग और व्यवसाय संचालित करने की दृष्टि से अपनी गाइडलाइन में पुनः संशोधन किया और इस बार अधिक राहत देने का निर्णय लिया. गुरुग्राम जिला प्रशासन ने भी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को गुरुग्राम के उद्योग विहार एवं मानेसर स्थित सभी इकाइयों में उत्पादन पुनः शुरू करने की अनुमति दे दी.
इस बीच प्रवासी श्रमिकों की बड़ी संख्या के गुरुग्राम सहित अन्य शहरों से अपने गृह राज्यों की ओर पलायन करने से कंपनी के लिए उत्पादन शुरू करना एक चुनौती बन गई. जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बावजूद पिछले 10- 12 दिनों से कंपनी प्रबंधन अपने श्रमिकों को खंगालने में जुटी हुई है. कंपनी ने मारुति सुजुकी वैलनेस मित्रा नामक एक ऐप डेवलप कर अपने सभी श्रमिकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. इस ऐप के माध्यम से श्रमिकों का लोकेशन और उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत समस्याओं का डाटा जुटाया जा रहा है जबकि उन्हें कंपनी की ओर से आवश्यकतानुसार मदद भी पहुंचाई जा रही है. बताया जाता है कि इस ऐप के माध्यम से मारुति सुजुकी प्रबंधन ने लगभग अपने सभी श्रमिकों से संपर्क साध लिया है और उन्हें कोरोनावायरस संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील रहने को भी कहा जा रहा है.
औद्योगिक इकाइयों के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन और हरियाणा सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशिका के अनुरूप कंपनी प्रबंधन अपनी दोनों ही इकाइयों में सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी सभी प्रकार के उपाय करने में जोर-शोर से जुटी हुई है. श्रमिक सूत्रों का कहना है कि इस बार प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने के लिए यूनिट में प्रवेश करने से लेकर शिफ्ट ऑफ होने तक की पूरी गतिविधि को मॉनिटरिंग करने के लिए खास व्यवस्था करने में जुटी हुई है. अब एक टेबल पर केवल एक श्रमिक होंगे जबकि पहले एक टेबल पर 4 श्रमिक की व्यवस्था होती थी. लंच और टी ब्रेक के दौरान भी इसका पालन कराया जाएगा. इसके अलावा श्रमिकों के बैठने की दिशा अलग अलग होगी जिससे संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलेगी.
अब उद्योग विहार एवं मानेसर स्थित प्लांट में प्रवेश करने के और बाहर निकलने के समय सभी श्रमिकों का बॉडी सैनिटाइजेशन किया जाएगा जिसके लिए कंपनी गेट पर खासतौर से निर्मित सैनिटाइजेशन टनेल की स्थापना कराई गई है. इससे श्रमिकों को गुजरने के समय सैनिटाइज किया जाएगा. इसके अलावा श्रमिकों के आने और जाने के समय उनका बॉडी टेंपरेचर भी थर्मोस्कैन से रेगुलेट किया जाएगा. सभी श्रमिकों को दस्ताना और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
कंपनी के मानेसर स्थित 650 एकड़ में फैले क्षेत्र में एचकेऍफ़ , बेलसोनिका और भारत से जैसी तीन प्रमुख वेंडर्स कंपनियां भी हैं. सूत्रों का कहना है कि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की ओर से सभी वेंडर्स को भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करने के लिए आवश्यक व्यवस्था कंपनी में करने को कहा गया है. प्रबंधन की ओर से सभी प्रकार के श्रमिकों जिसमें टी डब्ल्यू, एसटी और कैजुअल भी शामिल है से अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने को कहा जा रहा है. प्रबंधन यह आकलन करने में जुटी हुई है कि उत्पादन शुरू होने के समय कितने श्रमिक ड्यूटी पर आ सकते हैं उसके अनुरूप ही शेडूल में संशोधन किए जाने की संभावना है.
बहरहाल कंपनी ने अपने सभी श्रमिकों को भेजे संदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि गुड़गांव के उद्योग विहार यूनिट में 12 मई से सभी मॉडल्स का उत्पादन शुरू किया जाएगा जबकि मानेसर के प्लांट ए, बी और सी में क्रमशः 12 मई, 14 मई और 18 मई से अपने सभी मॉडल का उत्पादन आरंभ करने का निर्णय लिया है. एसएम जी में भी बलेनो और स्विफ्ट मॉडल का प्रोडक्शन 18 मई से शुरू करने के संकेत दिए हैं. हालाकी प्रबंधन ने यह साफ कर दिया है कि उत्पादन की संभावना उनके स्टॉक के अनुसार निर्धारित की गई है जबकि दैनिक शेड्यूल की घोषणा जल्द ही की जाएगी. हालांकि यह सब कुछ कंपनी के सप्लायर वेंडर को जिला प्रशासन की ओर से काम शुरू करने की अनुमति मिलने पर निर्भर करेगा.