सुभाष चन्द्र चौधरी
नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से जारी आज के आदेश में सभी राज्य सरकारों से यह साफ तौर पर कह दिया है की कोई भी मज़ूदर एक राज्य से दूसरे राज्य में किसी भी कीमत पर नहीं जाएंगे। जो जहाँ है वही रहेंगे और उन्हें उसी राज्य में काम मुहैया करवाने का निर्देश दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित नेशनल एग्जीक्यूटिव कमिटी के चेयरमैन एवं गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों व विभागों के सचिवों, सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य सचिव एवं एन ई सी के सभी सदस्यों के नाम जारी आदेश में इस निर्देश का पालन करने को कहा गया है.
गृह सचिव श्री भल्ला ने अपने आदेश में कोविड-19 वायरस के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर जारी देशव्यापी लॉक डाउन में किसी भी मजदूर के पलायन को रोकने के लिए यह निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि सभी ऐसे मजदूर या कर्मी जो किसी भी उद्योग कृषि क्षेत्र, कंस्ट्रक्शन, या दूसरे अन्य क्षेत्रों या कार्यालयों में काम करते हैं बड़ी संख्या में अपने कार्यस्थल से दूसरे स्थान पर विस्थापित हो गए हैं. अधिकतर ऐसे मजदूर संबंधित जिला या शहर के राहत केंद्र में पिछले 3 सप्ताह से भी अधिक समय से रहे हैं. यह सभी राहत केंद्र विभिन्न राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेश प्रमुखों द्वारा चलाए जा रहे हैं.
गृह सचिव ने स्पष्ट किया है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कंटेनमेंट जॉन के बाहर 20 अप्रैल 2020 सोमवार से अतिरिक्त नई गतिविधियां चलाने की अनुमति संशोधित गाइडलाइंस में दी गई है. इसलिए राहत शिविरों या शेल्टर होम्स में रखे गए मजदूरों को 20 अप्रैल से खुलने वाले उद्योगों, उत्पादन इकाइयों, कंस्ट्रक्शन क्षेत्रों, कृषिक्षेत्रों एवं मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यों में लगाए जा सकते हैं.
गृह सचिव ने 20 अप्रैल से खुलने वाले क्षेत्रों में 7 बिंदुओं का सख्ती से पालन करने का निर्देश :
- सभी विस्थापित मजदूर जो राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों में बने राहत शिविरों या शेल्टर होम्स में रह रहे हैं को स्थानीय संबंधित विभागों में तत्काल पंजीकृत किया जाए . साथ ही उनके काम करने की क्षमता का आकलन कर संबंधित क्षेत्रों में काम दिलाने की व्यवस्था की जाए.
- अगर राहत शिविरों में ऐसे भी मजदूर हैं या कर्मी हैं जो अपने पुराने वर्कप्लेस जो उसी राज्य में अवस्थित हैं की ओर जाना चाहते हैं तो उनकी स्वास्थ्य जांच करने की व्यवस्था की जाए. अगर वह मजदूर कोरोना संबंधी सभी प्रकार के लक्षणों से मुक्त है तो उन्हें अपने वर्कप्लेस पर जाने की अनुमति दी जाए .मजदूरों के एक जगह से दूसरी जगह जाने की व्यवस्था करना संबंधित जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी.
- गृह सचिव ने अपने निर्देश में बल देते हुए यह कहा है की किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्यों में मजदूरों को जाने की अनुमति किसी भी कीमत पर नहीं दी जाए.
- मजदूरों को संबंधित राज्य में ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाली बसों में सैनिटाइजेशन के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए और यातायात के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी है.
- गृह सचिव ने गत 15 अप्रैल 2020 को जारी संशोधित गाइडलाइन के निर्देशन का शक्ति से पालन करने को कहा है.
- मजदूरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के क्रम में उनके भोजन और पानी की सुरक्षित व्यवस्था संबंधित जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी.