कोलकाता, 11 अप्रैल। पश्चिम बंगाल सरकार कोविड-19 के 10 हॉटस्पॉट को 14 दिनों के लिए पूरी तरह से बंद करेगी, जहां से संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आये हैं।
मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने शनिवार को कहा कि उन इलाकों के स्थानीय बाजारों और सभी सड़कों को बंद कर दिया जाएगा और किसी को भी इलाके में प्रवेश करने या अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।
बहरहाल, मुख्य सचिव ने क्षेत्रों का नाम नहीं बताया।
सिन्हा ने कहा, ‘‘ऐसे क्षेत्र जहां बीमारी फैलने की आशंका अधिक है, हम उन्हें हॉटस्पॉट कह रहे हैं। हम उनका नाम नहीं ले रहे हैं… हम संपूर्ण लॉकडाउन लागू करेंगे… इस कदम से लोगों को अधिक असुविधा होगी लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है… हमें पूर्ण लॉकडाउन लागू करना होगा क्योंकि हम नहीं चाहते कि मामले जंगल की आग की तरह फैलें।’’ मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘इन क्षेत्रों में सख्त नियम लागू होंगे। प्रशासन निवासियों के लिए भोजन, पानी और यहां तक कि चिकित्सा सहायता जैसी सभी अनिवार्य चीजों की व्यवस्था करेगा।’’
राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि जिला और निकाय अधिकारियों को शनिवार रात से इन जगहों पर ‘‘पूर्ण बंदी’’ शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
पश्चिम बंगाल में हॉटस्पॉट व ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों के बारे में पूछे जाने पर, राज्य के शीर्ष नौकरशाह ने अलीपुर, भवानीपुर, मुदियाली, बड़ाबाजार, नयाबाद, दमदम, साल्ट लेक, उल्टाडांगा और बेलघोरिया का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले के कुछ हिस्सों, हावड़ा के मल्लिक फाटक क्षेत्र, फोरशोर रोड, राजबल्लभ साहा लेन, सल्किया और हावड़ा जिला अस्पताल के आसपास के क्षेत्रों को कोविड-19 हॉटस्पॉट और क्लस्टर के रूप में पहचाना गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कलिम्पोंग, तेहट्टा (नदिया जिला), एग्रा (पूर्व मेदिनीपुर), हल्दिया भी इन हॉटस्पॉटों के अंतर्गत आते हैं और उन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।’’
राज्य सरकार इन हॉटस्पॉट में तेजी से जांच करने की भी योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन सोडियम हाइपोक्लोराइट से इन स्थानों को संक्रमण-मुक्त करेगा।
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से अब तक पांच मौतें और 116 मामले दर्ज किए गए हैं। 89 सक्रिय मामले हैं, जबकि 22 लोग ठीक हो चुके हैं।