चंडीगढ, 25 मार्च : हरियाणा सरकार ने चिकित्सा और पैरा-मेडिकल स्टाफ तथा अन्य आवश्यक सेवाओं में सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारियों, जिनकी सेवानिवृति इस माह है, की सेवाओं को एक्सटेंशन देने का फैसला किया है। इस संबंध में संबंधित प्रशासनिक विभागों द्वारा एक प्रस्ताव सक्षम अधिकारी से अनुमोदन लेने के पश्चात वित्त विभाग को भेजा जाएगा।
यह निर्णय मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित संकट समन्वय समिति की बैठक में लिए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अधिनियम के तहत कोविड-19 को शामिल करने के लिए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है और अधिसूचित किए गए दिशानिर्देशों को सभी प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों को अक्षरक्ष: पालन करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और डोर टू डोर खुदरा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। आवश्यक वस्तुओं को डोर टू डोर पहुंचाने के लिए खुदरा विक्रेताओं हेतु व्यापक प्रचार भी किए जाएंगे। बैठक में यह बताया गया कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि जमीनी स्तर पर तैनात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के पास आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों और सामानों की आवाजाही के बारे में स्पष्ट निर्देश और प्रोटोकॉल हों, ताकि दूध व सब्जियाँ इत्यादि की आपूर्ति बाधित न हों। इसके अलावा, सरकार और स्वैच्छिक प्रयासों के माध्यम से जरूरतमंदों, गरीब लोगों और झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भोजन के पैकेट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में यह सूचित किया गया कि पुलिस महानिदेशक सहित गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह-1 और गृह-2 के सचिव आवश्यक कर्मचारियों, वस्तुओं, सेवाओं के सुचारु आवागमन के लिए वाहनों के पास/ ई-पास आदि के निर्गमन को सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी होंगे। आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं के कर्मियों और अन्य अंतरराज्यीय सीमा मुद्दों से संबंधित किसी भी आवागमन संबंधी समस्याओं के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ समन्वय भी स्थापित करेगें।
बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक सहित कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, हैफेड के प्रबंध निदेशक, डेयरी फेडरेशन के प्रबंध निदेशक निगरानी करेंगे कि लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य के सभी निवासियों को दूध, दूध उत्पादों, चावल, अनाज, खाद्य तेल, चीनी, सब्जियां, फल और अन्य इसी प्रकार के उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति और वितरण सुनिश्चित हो। इसी तरह, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के अतिरिक्त मुख्य सचिव उपायुक्तों के साथ समन्वय स्थापित करके आवश्यक वस्तुओं का समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी होंगे। ये सभी नोडल अधिकारी निर्धारित प्रारूप में प्रत्येक दिन सायं 4.00 बजे तक निर्धारित कार्यों की स्थिति के बारे में नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट करेंगे।
बैठक में यह भी बताया गया कि आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष (आवश्यक सेवाओं के लिए) और स्वास्थ्य नियंत्रण कक्ष (कोविड-19 मामलों पर नजर रखने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए) का संचालन किया गया है। सम्पूर्ण राज्य (पंचकूला, गुरूग्राम व फरीदाबाद को छोडकर) के लिए हेल्पलाइन नंबर 1075 और पंचकूला, गुरूग्राम व फरीदाबाद के लिए हैल्पलाईन नंबर 8558893911 संचालित है और इस पर प्राप्त होने वाली जनता की शिकायतों को प्रभावी रूप से निपटाया जा रहा है। इसी प्रकार, पूरे राज्य के लिए जल्द ही हैल्पलाईन नंबर 1100 भी चालू की जाएगी। यह भी बताया गया है कि सभी सतत संचालन उद्योग की सूची शीघ्र ही उद्योग विभाग द्वारा अधिसूचित की जाएगी जिसे कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला पर होने पर इन्हें चालू रखने की आवश्यकता है।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री धनपत सिंह, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पीके दास, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, विद्युत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीसी गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एसएन राय, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, कार्मिक, प्रशिक्षण, सतर्कता और संसदीय कार्य विभाग के सचिव श्री नितिन यादव, डीजीपी श्री मनोज यादव, निदेशक, सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग श्री पी सी मीणा, निदेशक, उद्योग और वाणिज्य डॉ साकेत कुमार, मुख्य प्रशासक, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड श्री जे गणेशन और निदेशक, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान श्री दुश्मंत कुमार बेहरा भी उपस्थित थे।