राजग गठबंधन ने जारी किया रिपोर्ट कार्ड
पटना : बिहार में नीतीश कुमार सरकार के एक साल पूरा होने के एक दिन पहले ही विरोधी एनडीए गठबंधन ने प्रदेश सरकार के कामकाज को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया है. विपक्ष ने इस रिपोर्ट में सरकार की नाकामयाबियों को उजागर किया है और आरोप लगाया है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. खास तौर पर कानून-व्यवस्था के मामले में स्थिति बदतर होने का दावा किया है.
कौन कौन थे शामिल ?
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर राजग के अन्य घटक दलों के साथ इस रिपोर्ट कार्ड को जारी किया गया. इसमें लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी मौजूद थे. नितीश सरकार की विफलताओं को उजागर करने वाले इस रिपोर्ट कार्ड को ‘एक साल, बुरा हाल’ शीर्षक दिया गया है.
एक साल से एक दिन पूर्व
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार की रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान महागठबंधन सरकार गलत क्रियाकलापों के कारण ही चर्चा में बनी रही. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के एक वर्ष में बिहार की स्थिति ‘बद से बदतर’ हुई है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट कार्ड एक साल पूरा होने से एक दिन पहले जारी किया जा रहा है, ताकि मुख्यमंत्री हमारे सवालों का जवाब दे सकें. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत प्रदेश की जदयू-राजद-कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर कल अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी.
नीतीश ने ही शुरू की थी परम्परा
राज्य सरकार के कामकाज की वार्षिक रिपोर्ट कार्ड जारी करने की परिपाटी 2005 में मुख्यमंत्री बने नीतीश ने 2006 में पहला कार्ड जारी किया था.
क्या कहना है विपक्ष का ?
सुशील मोदी ने खास तौर से कानून व्यवस्था की चर्चा करते हुए दावा किया कि अगर विपक्ष द्वारा जघन्य अपराध में आरोपी शहाबुद्दीन, राजबल्लभ यादव और रॉकी यादव को मिली जमानत का विरोध नहीं किया जाता तो राज्य सरकार उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय नहीं जाती.
अपराध के आंकड़े
उन्होंने इस सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान अपराधियों के हावी रहने तथा मुख्यमंत्री के इस मामले में स्वयं को असहाय महसूस करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बढे अपराध के आंकड़े से यह स्पष्ट है, लेकिन नीतीश शराबबंदी को अपनी उपलब्धि के रूप में गिनाने में जुटे हैं.
कितने दंगे हुए ?
बिहार पुलिस विभाग के आंकड़ों का उल्लेख करते भाजपा नेता ने दावा किया कि प्रदेश में फिरौती के लिए अपहरण इस वर्ष अप्रैल की तुलना में अगस्त में तीन गुना पहुंच गया है. इसी प्रकार से इस वर्ष अप्रैल महीने में बलात्कार के जहां 61 मामले सामने आए थे वह अगस्त महीने में बढकर 103 हो गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया इस वर्ष अप्रैल महीने में हत्या के जहां 192 मामले प्रकश में आए थे वह अगस्त महीने में बढकर 228 हो गए हैं जबकि दंगा के मामले में 809 से बढकर 1017 पहुंच गए हैं.
‘सात निश्चय’ कार्यक्रम पर सवाल
सुशील ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘सात निश्चय’ कार्यक्रम में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग क्षेत्रों को शामिल नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी सभाओं में हमेशा बिहारी होने का गर्व और हरेक की थाल में बिहार का एक व्यंजन होने की बात करने वाले नीतीश कुमार अब इसकी एक बार भी चर्चा नहीं करते.
स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड रिपैकेजिंग’ करार
उन्होंने मुख्यमंत्री के स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड को केंद्र की योजनाओं की ‘रिपैकेजिंग’ करार देते हुए पूछा कि 1.52 लाख करोड़ रुपए के कृषि रोड मैप, मिशन मानव विकास, महादलित विकास मिशन, विजन डाक्यूमेंट 2025 आदि का क्या हुआ. लोजपा प्रमुख और केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने आरोप लगाया कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच जारी शीत युद्ध के कारण विकास की बातें पिछले पायदान पर चली गयी है.
रामविलास पासवान ने क्या कहा ?
उन्होंने महागठबंधन सरकार के दो-ढाई साल में गिर जाने की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को भूमिहीन दलित एवं महादलित परिवारों में से कितने को घर बनाने के लिए तीन डिस्मल जमीन मिली इसको लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.
जीतन राम मांझी भी बोले ?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार के एक साल पूरे होने पर उसे शून्य से भी कम अंक देते हुए कहा कि अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान इस सरकार ने कुछ भी नहीं किया.