डीटीसी को शीघ्र मिलेंगी 200 इलेक्ट्रिक बसें
दिल्ली में प्रदूषण स्तर कम करने की दिशा में अहम कदम
डीटीसी की खस्ताहाल 5 हजार बसें बदलने के आसार
सुभाष चंद्र चौधरी
नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर जल्द ही इलेक्ट्रिकल बसें दौड़ती दिखाई देंगी। प्रदूषण नियंत्रण की दृष्टि से उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक दिल्ली में अब सीएनजी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिकल बसें चलाई जाएंगी। दिल्ली सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के तहत फर्स्ट फेज में जेबीएम ग्रुप की ओर से 200 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति अगले 2 से 3 माह में किए जाने की संभावना है, जबकि आने वाले वर्षों में इसकी संख्या और बढ़ाए जाने की संभावना प्रबल है।
बताया जाता है कि लगातार कई वर्षों से दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए यातायात की दृष्टि से डीटीसी सिटी बस सेवा में बड़ा परिवर्तन करने का निर्णय दिल्ली सरकार ने लिया है। इसी योजना के तहत डीटीसी के बेड़े में अब सीएनजी की बसें नहीं बल्कि शत प्रतिशत इलेक्ट्रिकल बसें शामिल की जाएंगी। इसके लिए फर्स्ट फेज में इलेक्ट्रिकल बस का निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी, जेबीएम ग्रुप को इसकी आपूर्ति का ऑर्डर दिया गया है। इसके तहत पहले 200 बसों की आपूर्ति की जाएगी।
इसकी पुष्टि करते हुए जेबीएम ग्रुप के सीईओ ऑपरेशन दीपक ठाकुर ने द पब्लिक वर्ल्ड से खास बातचीत में बताया कि 200 बसों का टेंडर जारी किया गया था जिन की आपूर्ति का आर्डर उनकी कंपनी को मिला है। उन्होंने कहा कि आने वाले 2 से 3 माह के अंदर इन बसों की आपूर्ति दिल्ली सरकार को कर दी जाएगी। उनका कहना है कि जेबीएम ग्रुप की इलेक्ट्रिकल बसें शून्य प्रदूषण वाली होती हैं। क्योंकि यह हंड्रेड परसेंट इलेक्ट्रिकल बस होगी इसलिए इससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है। ये बस विश्व स्तरीय तकनीक आधारित होती है। इसमें यात्रियों की सुरक्षा और कंफर्ट का पूरा पूरा ध्यान रखा गया है। साथ ही फ्यूल एफिशिएंसी पर सर्वाधिक फोकस किया गया है।
एक सवाल के जवाब में श्री ठाकुर ने कहा कि ये बसें ग्रीन और एफिशिएंट टेक्नोलॉजी के कारण दिल्ली की सड़कों पर बेहतरीन परफॉर्मेंस देने में सक्षम है। उनका कहना है कि उनकी कंपनी द्वारा निर्मित की जा रही हंड्रेड परसेंट इलेक्ट्रिक बस भारत की पहली शतप्रतिशत इलेक्ट्रिक बस है जिसका उत्पादन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया विजन के अनुरूप अपने देश में ही किया जा रहा है। उनका कहना है कि इकोलाइफ के नाम से इलेक्ट्रिकल बस 9 मीटर और 12 मीटर के वैरीअंट में उपलब्ध होगी।
उनके अनुसार कंपनी का फोकस इलेक्ट्रिकल बसों के मेंटेनेंस के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं एक जगह मुहैया कराने पर है। इमोबिलिटी के इस जमाने में अब प्रदूषण नियंत्रण की दृष्टि से हमारी कंपनी ने इस दिशा में दमदार कदम आगे बढ़ाया है और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ही बस की डिजाइन, डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग, प्रोटोटाइपिंग, टेस्टिंग और वैलिडेशन अपने आर एंड डी सेंटर में करने की व्यवस्था की गई है। उनका कहना है कि इस प्रकार की बसों की मेंटेनेंस कॉस्ट न्यूनतम है। यह सुविधा भी जेबीएम ग्रुप की ओर से मुहैया कराई जाती है।
जेबीएम ग्रुप की 100% इलेक्ट्रिक बस देखने के लिए देखें पूरी video
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में डीटीसी के बेड़े में 5000 से अधिक बसों की हालत खस्ता है। उन्हें तत्काल दिल्ली की सड़कों से दूर करने की जरूरत महसूस की जा रही है। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर आवश्यक कदम उठाने के लिए भी बड़ा दबाव है। राजनीतिक दृष्टि से यह वर्तमान समय में सबसे प्रमुख विषयों में से एक है। क्योंकि पिछले कई वर्षों से दिल्ली का वातावरण बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। खास कर अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक प्रति वर्ष दिल्ली की आबोहवा में एस पी एम पार्टिकल्स विस्फोटक स्थिति में पहुंच जाते हैं। इससे अधिकतर दिल्ली वासियों को सांस की बीमारी के साथ-साथ हृदय रोग जैसी कई घातक बीमारियों से जूझना पर रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार के लिए पर्यावरण को संतुलित बनाए रखना बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। पिछले वर्षों में सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए वाहनों की ऑड ईवन योजना भी लागू की थी। इससे सड़कों पर निकलने वाले वाहनों की संख्या को कम कर प्रदूषण स्तर को घटाने की कोशिश की गई थी । सरकार ने दावा भी किया था कि इससे बड़ी राहत मिली लेकिन विशेषज्ञों ने इस तर्क को ठुकरा दिया था। ऐसे में अब दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के अलावा कोई और कारगर विकल्प नहीं है। समझा जाता है कि इस दृष्टिकोण से दिल्ली सरकार का झुकाव इलेक्ट्रिक बस चलाने की ओर है। उम्मीद जताई जा रही है कि जेबीएम ग्रुप की ओर से दिल्ली को इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप जल्द ही मिलेगी और दिल्लीवासी शून्य प्रदूषण वाले वाहन की सवारी पहली बार करेंगे।