विदेशी पद्धति के कारण संस्कृति से दूर होते बच्चे : रितु गोयल

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किशोर किशोरी नैतिक शिक्षा कार्यक्रम 

गुरुग्राम :  किशोर किशोरी नैतिक शिक्षा के दौरान गोरमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल नाथूपुर,गोरमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बंधवाडी, गारमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गवालपहाड़ी में किशोर छात्र छात्राओं को अपनी भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया।रितु गोयल का मानना है। बच्चे विदेशी पद्धति को अपनाते-अपनाते हमारे संस्कार, हमारी परंपरा और हमारी संस्कृति कहीं ना कहीं छोड़ते जा रहे हैं।

 

मोबाइल पर सेल्फी लेना17-nov-9-a मोबाइल पर गेम खेलना यह सब विदेशी पद्धति के संकेत है। विदेशों में परिवार संयुक्त ना होकर एकल परिवार में रहना पसंद करते हैं। विदेशों में किशोर किशोरियों को अकेलेपन में अपना साथी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक्स के उपकरण को अपना साथी बनाना पड़ता है।किशोर किशोरियों का ध्यान इस और दिलाते हुए, रितु गोयल ने सबसे आग्रह किया मोबाइल व अन्य उपकरण को अपना साथी ना बनाऐ।

 

अपने परिवार में संपर्क बढ़ा कर अपना परिवार, देश को आगे बढ़ने में योगदान दें। किशोर किशोरियों को यह भी बताया आजकल वो माता-पिताओं की अनदेखी करते हैं उनसे अपनी जरुरतों के हिसाब से बात करते हैं। उनके पास मय ही नहीं है अपने माता-पिता से परिवार और समाज के बारे में बात करने का। इस अकेलेपन के कारण आज के परिवार ज्यादातर चिकित्सालयों के चक्कर लगाते रहते हैं। अकेलापन परिवारों में माता पिताओं को परेशानी में डालकर उनमे नाकारात्मक विचारों को उत्पन्न करता है। ऐसी चिंताओं को लेकर रितु गोयल प्रतिदिन 3 स्कूलों में बच्चों से चर्चा करने जाती है अभी तक लगभग 50 स्कूल और 50000 बच्चों में यह विषय रख चुकी हैं

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