नई दिल्ली/इस्लामाबाद : पाकिस्तान के बहुचर्चित तानाशाह व पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राष्ट्रद्रोह के एक मामले में मौत की सज़ा सुनाई गई है। यह सजा लाहौर हाईकोर्ट की विशेष बेंच ने सुनाई है। खबर है कि पांच जजों वाली इस बेंच में दो के मुकाबले तीन जजों ने उनके खिलाफ यह चौकाने वाला फैसला सुनाया.
मीडिया की खबर के अनुसार ऊक्त अदालत ने अपने संक्षिप्त आदेश में कहा कि उसने इस मामले में तीन महीने तक तमाम शिकायतों, रिकॉर्ड्स, जिरह और तथ्यों की जांच की और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के मुताबिक मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी पाया है. गौरतलब है कि उन पर पाकिस्तान के संविधान से छेड़छाड़ का भी आरोप है.
मुशर्रफ पर ये हैं आरोप
उल्लेखनीय है कि 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपाताकाल की घोषणा करते हुए तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार को बर्खास्त कर दिया था और शासन की बागडोर खुद अपने हाथ मे ले ली थी। ऊक्त मामले में 2013 में मुशर्रफ पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इस बीच पाकिस्तान में राजनीतिक उठापटक के कई दौर चले। मामले के विचाराधीन होने के दौरान ही 2016 में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था।
इस मामले की सुनवाई में दिक्कतें आई और सुनवाई को कुछ दिनों के लिए रोकना पड़ा था. राजद्रोह के मामले में 19 नवम्बर को सुनवाई पूरी हो गई थी और आज सज़ा का ऐलान कर दिया गया. देश में आपातकाल की घोषणा करने, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को नजरंबद करने और 100 से ज्यादा जजों को बर्खास्त करने के मामले में मार्च 2014 में मुशर्रफ को दोषी ठहराया गया था.
आज ऊक्त अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है।