भिवानी। आज देश विजय दिवस मना रहा है। इसी दिन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में 95,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना था। इस युद्ध में सेकेंड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेत्रपाल ने उच्चतम वीरता और साहस का परिचय दिया था। पाकिस्तान की योजना कश्मीर पर कब्जा करने की थी। इसके लिए उसने बड़ी संख्या में सियालकोट सेक्टर में अपनी फौज को तैनात कर दी थी और शकरगढ़ सेक्टर में बसंतर नदी (सांबा) से टैंकों के जरिये हमला बोल कर जम्मू-कश्मीर को पंजाब से अलग-थलग करना चाहता था। मगर भारतीय जवानों के अदम्य साहस और शौर्य के कारण पाकिस्तान को भारत के सामने अपने घुटने टेकने पड़े थे।आज उन्हीं महान जवानों को देश श्रद्धांजलि दे रहा है।
रामबिलास शर्मा ने विजय दिवस पर उन्हीं महान जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि , ‘आज विजय दिवस के मौके पर हम 1971 का युद्ध लड़ने वाले बहादुर जवानों के अदम्य साहस को याद कर रहे हैं। उनके अविश्वसनीय साहस और देशभक्ति ने देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया। उनकी सेवा हमेशा हर भारतीय को प्रेरणा देती रहेगी।’ ‘विजय दिवस पर हम अपने उन सशस्त्र बलों का आभार मानते हैं जिन्होंने हमारे देश की सुरक्षा की और 1971 में मानव स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों को बरकरार रखा।
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से, हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने इस बहादुर प्रयास में अपनी जान गंवा दी। भाजपा नेता रीतिक वधवा, चेयरमैन विकास काठपालिया , मनीष हलवासिया, तेज सिंह, डा. योगेश, पंकज शर्मा, पंकज कुमार, नवीन कुमार, हेमंत, धीरज कुमार, जगदीश शर्मा, महाबीर शर्मा, जोगेंद्र, कमल, प्रेम कुमार, रमेश चौधरी, मुकेश कुमार, नरेंद्र, प्रदीप, राजेश, राजन, दीपक कुमार, ने भी विजय दिवस पर उन महान जवानों को श्रद्धांजलि दी!