गुडग़ांव : गुरुग्राम में तैनात यातायात पुलिस कांस्टेबल के मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार की अदालत ने कांस्टेबल को 6 साल की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने आरोपी को पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर गत सप्ताह दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि गत वर्ष 13 अगस्त को भिवानी के नितिन गोयल ने डीएलएफ फेस वन पुलिस थाना प्रभारी को ईमेल की थी कि वह सायं के समय ब्रिस्टल चौक पर गलत दिशा में अपनी गाड़ी लेकर आ रहा था। यातायात पुलिस में तैनात कर्मी जितेंद्र ने उसे रोक लिया और उसका 1100 रुपए का चालान काटने के बारे में बताया। नितिन ने उससे काफी आग्रह किया कि भविष्य में वह कभी ऐसा नहीं करेगा और उसके पास चालान भरने के इतने पैसे भी नहीं हैं, जिस पर यातायात पुलिसकर्मी ने उससे 500 रुपए रिश्वत देने की बात कही। उसने 500 रुपए दे भी दिए थे, लेकिन मामला अन्य पुलिसकर्मियों के बीच खुल गया। जिस पर उसने 500 रुपए लौटा भी दिए थे, लेकिन पुलिस थाना प्रभारी ने पुलिसकर्मी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
मामला अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने उसे गत सप्ताह दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने अब सुना दिया है।