गुडग़ांव : पत्नी की हत्या कर देने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा की अदालत ने परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत वर्ष 13 अप्रैल को जिले के मुमताजपुर गांव में एक महिला की हत्या का मामला पुलिस ने दर्ज किया था। खुद पति हरिओम ने पुलिस कंट्रोल रुम में फोन कर बताया था कि उसने घरेलू झगड़े के दौरान अपनी पत्नी की हत्या कर दी है।
पुलिस के समक्ष हरिओम के दोनों बच्चों ने भी बयान दिए थे कि उनकी मां की हत्या उनके पिता ने ही की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से वह जिला जेल में बंद था। मामला अदालत में चला। अदालत में आरोपी हरिओम भी पुलिस को दिए गए बयानों से मुकर गया। इसी प्रकार इस मामले से संबंधित अन्य गवाह भी अपने बयानों से मुकर गए थे, लेकिन अभियोजन पक्ष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए परिस्थितिजन्य साक्ष्य जुटाए।
अभियोजन पक्ष ने अदालत के सामने वह ऑडियो टेप पेश किया, जिसमें हरिओम पुलिस कंट्रोल रुम में कॉल कर बता रहा है कि
उसने अपनी पत्नी का काम तमाम कर दिया है। यह विशेष है कि पुलिस कंट्रोल रुम में काम करने वालों की बातचीत ऑटोमैटिक रिकॉर्ड हो जाती है। इसी का लाभ अभियोजन पक्ष ने उठाया और आरोपी की कॉल ने ही उसे अपराधी घोषित कर दिया। अदालत ने ऑडियो टेप में हुई बातचीत को सही मानते हुए आरोपी को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है।